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    MS धोनी के बाद राजनीतिक दलों पर आवास बोर्ड की नजर, जल्द हो सकती है बड़ी कार्रवाई

    Updated: Sun, 22 Dec 2024 12:06 PM (IST)

    झारखंड आवास बोर्ड के नियमों के अनुसार किसी भी आवासीय भवन का व्यावसायिक उपयोग नहीं हो सकता है। क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी द्वारा अपने हरमू स्थित आवास को व्यावसायिक उपयोग के लिए देने की खबर के बाद आवास बोर्ड उन्हें नोटिस भेज सकता है। वहीं अब राजनीतिक दलों पर भी इस मामले में कार्रवाई हो सकती है।

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    झारखंड आवास बोर्ड राजनीतिक दलों पर ले सकता है एक्शन

    राज्य ब्यूरो,रांची। झारखंड राज्य आवास बोर्ड बड़ी मुहिम की तैयारी में दिख रहा है। बोर्ड ने इसी के तहत भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को नोटिस देने का निर्णय लिया है, वहीं अब भाजपा कार्यालय के बगल में स्थित एक होटल को भी निशाने पर लिया है। माना जा रहा है कि इस होटल को भाजपा अपने कार्यों के लिए खरीदने की तैयारी में है।

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    लैब खोले जाने की सूचना के बाद शुरू हुई जांच

    • हरमू स्थित महेंद्र सिंह धोनी के आवास में झारखंड राज्य आवास बोर्ड को न्युबर्ग सुप्राटेक (पैथोलॉजी सेंटर) लैब खोलने की सूचना मिली थी।
    •  लैब खोलने की जानकारी के बाद इस मामले में जांच शुरू की गई, साथ ही आवास बोर्ड नोटिस भेजने की भी तैयारी में है।

    झारखंड राज्य आवास बोर्ड की नजर राजनीतिक दलों पर भी टेढ़ी होना शुरू हो गई है। दरअसल, आवास बोर्ड के नियमों के अनुसार किसी भी आवासीय भवन का व्यावसायिक उपयोग नहीं हो सकता है और ऐसा होने पर आवंटन रद करने की कार्रवाई की जाएगी।

    झारखंड राज्य आवास बोर्ड के अध्यक्ष संजय लाल पासवान नियमों का सख्ती से पालन कराना चाहते हैं। इसी के तहत यह पूरी कार्रवाई शुरू हुई है। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार की ओर से धोनी को आवंटित मकान इनाम के तौर पर दिया गया है।

    वर्ल्ड कप जीतने के उपलक्ष्य में राज्य सरकार ने यह भूखंड उन्हें मुहैया कराया था। इसके बाद धोनी ने इस जगह पर मकान बनवाकर रहना भी शुरू कर दिया।

    कुछ महीने पूर्व उन्होंने रांची के सिमलिया में अपने फार्म हाउस को अपना नया आशियाना बना लिया है। अब धोनी इस आवास में नहीं रहते हैं और यहां आना-जाना भी नहीं के बराबर ही होता है।

    अब इस भवन का एक हिस्सा मेडिकल जांच घर को दिए जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद आवास बोर्ड सक्रिय हुआ है।

    दूसरी ओर आवास बोर्ड के कुछ भूखंडों पर बने आवासीय परिसरों से राजनीतिक दलों के कार्यालय संचालित होते हैं। इन कार्यालयों को नियमानुसार खाली कराने का प्रविधान भी है। इसके बाद आवास बोर्ड आगे की कार्रवाई करेगा। आवास बोर्ड के परिसरों का व्यावसायिक उपयोग बंद कराने की तैयारी मात्र से हंगामा होना तय माना जा रहा है।

    भाजपा प्रदेश कार्यालय को भेजा नोटिस

    हाल ही में आवास बोर्ड ने भाजपा कार्यालय को भी इसी मामले में नोटिस जारी किया है। दरअसल, बीजेपी प्रदेश कार्यालय के भूखंड के गलत इस्तेमाल का मामला संज्ञान में आने के बाद इस मामले में एक्शन लिया गया।

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