Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jharkhand Para Teachers: पारा शिक्षकों को हाईकोर्ट से झटका, क्वालिफाइंग मार्क्स में छूट देने से किया इनकार

    सहायक आचार्य नियुक्ति में पारा शिक्षकों को क्वालिफाइंग मार्क्स से छूट नहीं मिलेगा। इस मामले में सुनवाई करते हुई हाईकोर्ट ने छूट देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने नियमावली की शर्त को निरस्त करते हुए कहा कि सभी को क्वालिफाइंग मार्क्स लाना अनिवार्य है। साथ ही मेरिट लिस्ट जारी करते समय पूर्व की नियमावली को ध्यान में रखने की बात कही है।

    By Manoj Singh Edited By: Divya Agnihotri Updated: Sat, 18 Jan 2025 11:32 AM (IST)
    Hero Image
    पुरानी नियमावली के आधार पर जारी होगी पारा शिक्षकों की मेरिट लिस्ट

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Para Teachers: झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सहायक आचार्य नियुक्ति में पारा शिक्षकों को क्वालिफाइंग मार्क्स लाने की छूट की शर्त को निरस्त कर दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    न्यायालय ने कहा कि सभी अभ्यर्थियों को क्वालिफाइंग मार्क्स लाना अनिवार्य है। मेरिट लिस्ट जारी करते समय पूर्व की नियमावली को ध्यान में रखा जाए।

    नई नियमावली को दी गई थी चुनौती

    11 दिसंबर को सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाया। कृष्ण चंदर हलधर व अन्य की ओर से सहायक आचार्य नियुक्ति के लिए बनी नई नियमावली को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।

    2024 में बनी नई नियमावली

    सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता शुभम मिश्रा, कुमार पवन और शिवम उत्कर्ष सहाय ने कोर्ट को बताया था कि जेएसएससी की ओर से सहायक आचार्य की नियुक्ति की जा रही है।

    सरकार ने सहायक आचार्य सेवा संवर्ग नियुक्ति एवं प्रोन्नति नियमावली 2022 में संशोधन करते हुए वर्ष 2024 में नई नियमावली बनाई है।

    • पुरानी नियमावली में क्वालिफाइंग मार्क्स लाने के बाद छूट
    • इस नियमावली में पारा शिक्षकों को क्वालिफाइंग मार्क्स लाने से छूट प्रदान की गई है, जबकि उनके लिए 50 प्रतिशत सीट पूर्व से आरक्षित है। ऐसा करने की वजह से अन्य अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव हो रहा है।
    • पूर्व की नियमावली में पारा शिक्षकों को भी 30 प्रतिशत क्वालिफाइंग मार्क्स लाने के बाद ही अन्य विषयों की उत्तरपुस्तिका जांच करने की बात थी।
    • अब नई नियमावली में उन्हें क्वालिफाइंग मार्क्स लाने की बाध्यता को शिथिल कर दिया गया है।
    • कोर्ट को बताया गया कि संशोधित नियमावली असंवैधानिक है। इसे निरस्त किया जाना चाहिए।
    • हाईकोर्ट ने नियमावली की शर्त को निरस्त करते हुए कहा कि सभी को क्वालिफाइंग मार्क्स लाना अनिवार्य है।

    रांची: दो शिक्षकों पर एक्शन

    रांची विश्वविद्यालय में सेंटर से बाहर ले जाकर उत्तर पुस्तिकाएं (कॉपी) जांचने वाले दो शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है। पांच साल के लिए उन्हें सभी प्रकार के परीक्षा कार्य से हटा दिया गया है।

    शुक्रवार को रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में परीक्षा बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें दोनों शिक्षकों पर कार्रवाई से संबंधित प्रस्ताव पर स्वीकृति प्रदान कर दी गई।

    दोनों शिक्षकों पर सेंटर से बाहर कॉपी ले जाकर मूल्यांकन करने का आरोप साबित हुआ। बोर्ड के समक्ष दोनों ने शिक्षकों ने अपनी गलती भी स्वीकार ली। जिसके बाद उन्हें परीक्षा कार्य से वंचित करने का निर्णय बोर्ड के सदस्यों ने लिया।

    रांची विवि परीक्षा बोर्ड की बैठक में कुलपति के अलावा प्रभारी परीक्षा नियंत्रक डॉ विकास कुमार, रजिस्ट्रार डॉ गुरुचरण साहू, कामर्स संकाय के अध्यक्ष डॉ अमर कुमार चौधरी, विज्ञान संकाय के अध्यक्ष डॉ अरुण कुमार व डॉ. अर्चना दुबे सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।

    रांची विवि के मोरहाबादी कैंपस में बहुउद्देशीय परीक्षा भवन है। जहां सेंट्रलाइज्ड उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाता है, लेकिन दो शिक्षकों ने नियम के विरुद्ध केंद्र से बाहर उत्तर पुस्तिका लेकर के गए थे।

    विवि प्रशासन को इसकी जानकारी मिली। मामले को गंभीरता से लेते हुए विवि प्रशासन ने कार्रवाई शुरू की। दोनों आरोपी शिक्षकों से पूछताछ की गई। दोनों ने अपनी गलती स्वीकार ली।

    ये भी पढ़ें

    Jharkhand Teachers: सभी शिक्षक ध्यान दें! अब करनी होगी 50 घंटे की ट्रेनिंग, सीधा ऊपर से आया ऑर्डर

    Jharkhand Teacher News: शिक्षकों के लिए खुशखबरी, नई प्रमोशन नियमावली को लॉ डिपार्टमेंट से मिली हरी झंडी