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    Jharkhand: पेंशनरों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ लेने के लिए हर साल देने होंगे 6000 रुपये, सरकार का बड़ा फैसला

    Updated: Mon, 20 Jan 2025 08:14 PM (IST)

    झारखंड में स्वास्थ्य बीमा योजना में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब पेंशनरों के लिए इस योजना का लाभ लेना अनिवार्य नहीं होगा। वे स्वेच्छा से इस योजना का लाभ ले सकते हैं। पहले पेंशनरों के चिकित्सा भत्ते से हर महीने 500 रुपये काटे जाते थे लेकिन अब उन्हें प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये पेमेंट गेटवे के माध्यम से देने होंगे।

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    पेंशनरों के लिए खुशखबरी! अब स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ लेना नहीं होगा अनिवार्य

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार द्वारा लागू की जा रही स्वास्थ्य बीमा योजना (Jharkhand Health Insurance Scheme) का लाभ लेना पेंशनरों (सेवानिवृत्त कर्मियों) के लिए अनिवार्य नहीं होगा। अब उनके लिए यह स्वैच्छिक होगा। पेंशनर इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं तो ले सकते हैं।

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    जो पेंशनर इसका लाभ नहीं लेना चाहते हैं, इसके लिए उन्हें बाध्य नहीं किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूर्व में जारी किए गए संकल्प में पेंशनरों के लिए इस योजना का लाभ लेना अनिवार्य किया गया था। अब इसमें संशोधन किया जा रहा है। मंगलवार को होनेवाली राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इसपर स्वीकृति मिल सकती है।

    पहले भत्ते में से हर महीने कटते थे 500 रुपये

    पूर्व में जारी संकल्प में राज्य कर्मियों की तरह सेवानिवृत्त कर्मियों के लिए भी इस योजना का लाभ देने के लिए चिकित्सा भत्ता के रूप में मिलनेवाली राशि से प्रतिमाह 500 रुपये काटे जाने का प्रविधान किया गया था। बाद में वित्त विभाग ने सेवानिवृत्त कर्मियों को मिलनेवाली राशि से इतनी राशि काटने से इनकार कर दिया।

    इसके बाद इस योजना के लागू होने में पेंच फंस गया था। अब इसमें यह तय किया गया है कि सेवानिवृत्त कर्मियों को चिकित्सा भत्ता के रूप में मिलनेवाली राशि से प्रतिमाह 500 रुपये काटने की जगह इस योजना का लाभ लेने के लिए उनसे प्रतिवर्ष छह हजार रुपये पेमेंट गेटवे के माध्यम से लिए जाएं।

    जो सेवानिवृत्त कर्मी इस योजना से जुड़ना नहीं चाहते हैं, उन्हें यह राशि नहीं देनी होगी। इसके पीछे यह तर्क दिया गया कि सेवानिवृत्त कर्मी का स्वास्थ्य बीमा किसी दूसरी कंपनियों में हो सकता है। ऐसे में उनके लिए अनिवार्य किया जाना उचित नहीं होगा।

    कैबिनेट की स्वीकृति के बाद लागू होगी योजना

    राज्य कर्मियों के लिए स्वास्थ्य बीमा की यह योजना उक्त संशोधन पर राज्य मंत्रिपरिषद की स्वीकृति मिलने के बाद लागू हो सकती है। बताते चलें कि बीमा के लिए बीमा कंपनी टाटा एआईजी का चयन काफी पहले कर लिया गया है।

    किसे मिलेगा लाभ?

    इस योजना का लाभ राज्य सरकार के सभी कर्मियों एवं पदाधिकारियों, विधान सभा के वर्तमान सदस्यों, सेवानिवृत कर्मियों तथा उनपर आश्रित सदस्यों (पति, पत्नी, पुत्र, वैध दत्तक पुत्र जो 25 वर्ष की आयु तक बशर्ते बेरोजगार हों, पुत्री) को दिया जाना है। इसके तहत पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज सूचीबद्ध अस्पतालों में होगा।

    गंभीर बीमारी की स्थिति में 10 लाख रुपये तक का हेल्थ कवरेज मिलेगा। इस योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा होगा, जबकि गंभीर एवं असाध्य बीमारी की स्थिति में इससे अधिक राशि खर्च होने पर उसका वहन राज्य सरकार के कार्पस फंड से किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने इस योजना के तहत 50 करोड़ रुपये का कार्पस फंड गठित किया है।

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