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    Holi 2025: झारखंड में अब सीधे सोमवार को खुलेंगे दफ्तर, बढ़ गई होली की छुट्टी; जारी हुआ नया नोटिफिकेशन

    Updated: Tue, 11 Mar 2025 07:32 PM (IST)

    झारखंड में होली की छुट्टी बढ़ गई है। झारखंड सरकार ने होली के अवसर पर शनिवार को भी सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। पहले यह अवकाश शुक्रवार को दिया जाना था लेकिन कुछ बैंक प्रतिनिधियों के अनुरोध पर इसे शनिवार तक बढ़ा दिया गया है। अब राज्य में गुरुवार शुक्रवार शनिवार और रविवार को अवकाश रहेगा और सरकारी दफ्तर सीधे सोमवार को खुलेंगे।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार ने एनआइ एक्ट के तहत होली के लिए शनिवार को भी अवकाश देने की घोषणा की है। पूर्व में यह अवकाश शुक्रवार को देना निर्धारित था।

    कुछ बैंक प्रतिनिधियों की ओर से आवेदन मिलने के बाद कार्मिक विभाग ने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया था जिस पर सरकार की सहमति बनने के बाद अधिसूचना जारी कर दी गई है।

    ज्ञात हो कि झारखंड में गुरुवार को होलिका दहन की छुट्टी और शुक्रवार को होली का अवकाश निर्धारित था।

    अधिसूचना जारी होने के साथ ही राज्य में गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार को अवकाश होगा। अब सरकारी दफ्तर सीधे सोमवार को खुलेंगे।

    होली में इस वर्ष भी दिखेगा प्राकृतिक गुलाल का जलवा

    रंगों का त्यौहार होली उमंग और उत्साह का पर्व है। इस मौके पर विविध रंगों और अबीर-गुलाल से लोग एक दूसरे को सराबोर करते हैं। मगर अक्सर रसायनिक रंगों से तैयार अबीर-गुलाल रंग में भंग कर देते हैं।

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    कारण है कि इनमें प्रयुक्त होने वाले रसायनिक व्यक्ति के चेहरे व स्किन पर बुरा प्रभाव डाल जाते हैं। साथ ही साथ इस मौके पर पानी की भी बडे पैमाने पर इस्तेमाल व बर्बादी होती है।

    इसको लेकर ही होली के मौके पर फूलों की होली और सखी होली की अवधारण सामने आई है। मगर प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग में स्वयं सहायता समूह की दीदियों ने इस समस्या का बहुत ही सकारात्मक और उत्कृष्ट समाधान उपलब्ध करा दिया है।

    होली में इस वर्ष भी दीदियों द्वारा तैयार प्राकृतिक गुलाल का जलवा दिखेगा। पूरी तरह से प्राकृतिक फूलों और पत्तियों से तैयार अबीर-गुलाल से न सिर्फ लोगों को सुरक्षित होली खेलने का मौका मिलेगा।

    वहीं दूसरी ओर इससे इन महिला स्वयंसहायता समूह की दीदियों की आय भी बढेगी। झारखंड राज्य आजीविका प्रोमोशन सोसायटी (जेएसएलपीएस) हजारीबाग के अधीन जिले के दारू प्रखंड के पेटो गांव की दीदियां इन प्राकृतिक रंगों के अबीर-गुलाल तैयार कर रही हैं।

    प्राकृतिक गुलाल को तैयार करने में जुटी दीदियां 

    • इन समूहों की करीब दर्जन भर से अधिक दीदियां इन प्राकृतिक गुलाल को तैयार करने में जुटी हैं। इसके लिए वह मुख्य रूप से प्लाश के फूल, चुकंदर, हल्दी व हरा साग आदि पूर्णत: प्राकृतिक फूलों व पत्तियों को सूखाकर, फिर मिक्सर में उन्हें पीस कर पुन: तैयार पाउडर को सुखाकर उनकी पैकेजिंग की जाती है।
    • दीदियाें द्वारा 15्र0 ग्राम का छोटा पैकेट का मूल्य 80 रुपए है। इस वर्ष अब तक दीदियाें द्वारा करीब तीन क्विंटल प्राकृतिक गुलाल तैयार किया जा चुका है। इनकी बिक्री राजधानी रांची में भी की जा रही है।
    • वहीं हजारीबाग समाहरणालय स्थित प्लाश मार्ट सहित शहर के मटवारी गांधी मैदान तथा संत कोलंबा कॉलेज के पास भी इसकी बिक्री की जा रही है।
    • पिछले दिनों समाहरणालय स्थित प्लाश मार्ट मेंं हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल और सदर विधायक प्रदीप प्रसाद ने दीदियों द्वारा तैयार इन प्राकृतिक रंगों के अबीर-गुलाल का अवलोकन भी किया। 

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