Jharkhand: हेमंत सरकार ने किसानों को दे दी एक और खुशखबरी, लघु सिंचाई योजना के लिए अब 2.5 एकड़ में भी बनेंगे तालाब
Jharkhand News झारखंड सरकार ने लघु सिंचाई योजना के तहत तालाब निर्माण के लिए भूमि सीमा को 5 एकड़ से घटाकर 2.5 एकड़ कर दिया है। इस योजना से किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी। तालाबों पर सोलर आधारित पंप लगाए जाएंगे जिससे 40-50 से लेकर 100 एकड़ तक की जमीन की सिंचाई हो सकेगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य में अब लघु सिंचाई योजना के तहत 2.5 एकड़ क्षेत्र में भी तालाब बनेंगे। इस योजना के लिए पहले भूमि की सीमा पांच एकड़ थी।
बुधवार को विधानसभा में जल संसाधन विभाग के बजट पर बोलते हुए विभाग के मंत्री हफीजुल हसन ने यह जानकारी दी। चर्चा के बाद बजट को पास कर दिया गया।
भाजपा विधायक अमित कुमार महतो का कटौती प्रस्ताव वापस हो गया। अपने बजट भाषण के प्रारंभ में जल संसाधन विभाग के मंत्री हफीजुल हसन ने माना कि राज्य में पानी और खेती की स्थिति खराब है।
नए वित्त वर्ष के लिए 19 अरब, 11 करोड़ 71 लाख छह हजार की राशि का बजट रखते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में खेती को व्यापार के अनुकूल बनाना होगा।
किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए सिंचाई सुविधा का विकास किया जा रहा है। लघु सिंचाई की योजना से जो तालाब बनेंगे उनपर सोलर आधारित पंप लगाए जाएंगे।
इससे 40-50 से लेकर 100 एकड़ की जमीन सिंचित होगी। पेयजल के लिए बांधों से अंडरग्राउंड पाइप लाइन भी लगाए जाएंगे।
विभागीय मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि पथरीले इलाकों में ज्यादा चेकडैम बनाए जाएंगे। उन्होंने सदस्यों की उस मांग का समर्थन किया जिसमें ज्यादा संख्या में कच्चे चैकडैम बनाने की बात कही गई है।
अजय बराज योजना अधूरी रहने पर स्पीकर ने दिलाया ध्यान
- जल संसाधन विभाग के बजट पर चर्चा के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने भी मंत्री को एक सूचना देने की बात कही।
- अध्यक्ष ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में अजय बराज योजना का सबसे अधिक क्षेत्र सिंचित होना है। लेकिन संयुक्त बिहार के समय बना इस योजना को राज्य बनने के 25 साल बाद भी उपयोग में नहीं लाया जा सका है।
- अजय बराज योजना के डीपीआर से जुड़े मुद्दों को विधायक उदयशंकर सिंह ने भी उठाया। विधायक सुरेश पासवान ने कहा कि देवघर जिले की पुनासी डैम परियोजना अबतक अधूरी है।
भाजपा विधायक ने क्या कहा?
जल संसाधन विभाग के बजट पर कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए भाजपा विधायक अमित कुमार यादव ने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है।
उन्होंने कहा कि पिछली बार जो बजट तय किया गया था उसका मात्र 80 प्रतिशत ही खर्च हो पाया। उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि राज्य के किसानों को समृद्ध करने के लिए पहाड़ों और पठारों से निकलने वाले वर्षा जल को संरक्षित किया जाए।
अमित यादव ने सुझाव दिया कि खदानों में जमा पानी का उपयोग भी सिंचाई के लिए किया जाए। बजट पर बात रखते हुए विधायक जनार्दन पासवान ने कहा कि पक्के बांधों की तुलना में कच्ची संरचना में ज्यादा पानी टिकता है।
भाजपा विधायक रागिनी सिंह ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र झरिया में तालाबों को भरकर बिल्डिंग बनाई जा रही है। इसके अलावा कोल खदानों से निकला मलबा भी तालाबों में डाल दिया जाता है।
इसपर रोक लगनी चाहिए। जल संसाधन विभाग के बजट पर विधायक सुखराम उरांव, राजेश कच्छप, निर्मल महतो, नमन विक्सल कोगेंडी, संजय सिंह यादव, मंगल कालिंदी और राज सिन्हा ने भी अपने विचार रखे।
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