Jharkhand DGP: यूपी की तर्ज पर झारखंड में होगी डीजीपी की नियुक्ति, हेमंत सरकार ने लिया बड़ा फैसला
झारखंड में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति अब उत्तर प्रदेश की तर्ज पर होगी। हेमंत सोरेन कैबिनेट ने मंगलवार को इस संबंध में चयन एवं नियुक्ति नियमावली को मंजूरी दे दी। इसके अलावा कैबिनेट ने झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से शुरू करने और 3 मार्च को वार्षिक बजट पेश करने का भी फैसला किया। इस लेख में इन सभी महत्वपूर्ण निर्णयों की विस्तृत जानकारी दी गई है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति (Jharkhand DGP Appointment) उत्तर प्रदेश की तर्ज की जाएगी। इस बाबत चयन एवं नियुक्ति नियमावली को मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई।
बैठक में कुल नौ प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इसमें झारखंड विधानसभा का बजट सत्र 24 फरवरी से शुरू करना भी शामिल है। तीन मार्च को आगामी वित्तीय वर्ष का वार्षिक बजट विधानसभा में पेश किया जाएगा। बजट सत्र 27 मार्च तक चलेगा। पिछले वर्ष भी तीन मार्च को ही बजट पेश किया गया था।
राज्यपाल की सहमति के बाद जारी होगी बजट सत्र की अधिसूचना
राज्यपाल की सहमति मिलने के बाद अंतिम तौर पर बजट सत्र से संबंधित कार्यक्रम की अधिसूचना जारी की जाएगी। प्री-बजट कार्यशाला के लिए डॉ. सीमा अखौरी को नालेज पार्टनर बनाने का निर्णय बैठक में प्री-बजट कार्यशाला के आयोजन को लेकर संत जेवियर्स कालेज की सहायक प्राध्यापक डॉ. सीमा अखौरी एवं उनकी टीम को मनोनयन के आधार पर नालेज पार्टनर के तौर पर मनोनीत किया गया है।
कैबिनेट ने झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड तथा इसकी अनुषंगी कंपनियों में प्रबंध निदेशक एवं निदेशक के पदों पर नियुक्ति हेतु किये गये प्रविधानों में संशोधन करते हुए इनकी सेवानिवृत्ति की उम्र 65 वर्ष करने पर सहमति प्रदान की है। कार्यकाल पूर्ण होने से पहले हटाए जा सकेंगे डीजीपी राज्य कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के चयन को लेकर नियमावली को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
इस नियमावली को सुप्रीम कोर्ट द्वारा 13 मार्च 2019 को पारित आदेश के आधार पर तैयार किया गया है। इसके अनुसार डीजीपी के चयन के लिए ऐसे अधिकारियों को इंपैनल्ड किया जाना चाहिए जिनकी सेवानिवृत्ति के पूर्व छह माह की सेवा शेष है।
राज्य सरकार के समक्ष कभी-कभी उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण बेहतर विधि-व्यवस्था संधारण, नागरिकों के जानमाल की सुरक्षा, आतंकवाद एवं नक्सलियों के स्तर से की गई हिंसा पर नियंत्रण को लेकर राज्य हित में कई बार डीजीपी को दो वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने के पहले हटाया जाता है। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को डीजीपी को न्यूनतम कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व पद से विमुक्त करने का अधिकार दिए जाने की आवश्यकता महसूस हो रही थी।
इस आलोक में हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है। डीजीपी का पैनल बनाने के लिए बनी कमेटी में एक सेवानिवृत्त डीजीपी, राज्य के मुख्य सचिव, गृह विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ यूपीएससी की ओर से नामित प्रतिनिधि को भी रखा जाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण निर्णय
- झारखंड अवर शिक्षा सेवा के पूर्व में सृजित पदों के आलोक में आवश्यकतानुसार पदों का चिन्हितीकरण की स्वीकृति।
- राज्य में गुणवत्तापूर्ण एवं सुगम टर्शियरी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से देवघर जिले में नया एम्स स्थापित करने हेतु झारखंड सरकार एवं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के साथ किये जाने वाले एमओयू के प्रारूप पर स्वीकृति।
- गढ़वा में एससी, एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 की संशोधित प्रविधानों के अन्तर्गत अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-1, नगर उंटारी, गढ़वा के न्यायालय को विशेष न्यायालय का दर्जा।
- झारखंड परिचारिका गैर-शैक्षणिक संवर्ग (नियुक्ति, प्रोन्नति एवं अन्य सेवाशर्त्त) नियमावली, 2025 के गठन पर स्वीकृति।
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