Jharkhand Politics: हेमंत सरकार में सब 'ऑल इज वेल'? कांग्रेस के 'नाराज' विधायक 'खेला' ना कर दें
झारखंड कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन किया गया है। प्रदीप याद को विधायक दल का नेता बनाया गया है। हेमंत सोरेन सरकार में चार विधायकों को मंत्री पद मिलने के बाद से पार्टी में चल रही नाराजगी को शांत करने के लिए यह कदम उठाया गया है। प्रदीप यादव के पास विधानसभा सदस्य के तौर पर लंबा अनुभव है और उनकी तेजतर्रार छवि का फायदा कांग्रेस को मिल सकता है।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Congress Politics कांग्रेस आलाकमान ने झारखंड में पार्टी विधायक दल का नेता समेत अन्य महत्वपूर्ण पदों को भरकर नाराजगी के साथ-साथ विवाद बांटने की कवायद की है। दरअसल, चार विधायकों को मंत्री का पद देने के बाद विधायकों के खेमे में नाराजगी स्पष्ट तौर पर झलक रही थी।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के चार विधायक राधा कृष्ण किशोर (Radha Krishan Kishor), इरफान अंसारी (Irfan Ansari), दीपिका पांडेय सिंह (Deepika Pandey Singh) और शिल्पी नेहा तिर्की (Shilpi Neha Tirk)) को हेमंत सोरेन सरकार (Hemant Soren) में जगह मिली है। दो नए चेहरों को मंत्रिमंडल (Jharkhand Cabinet) में शामिल कर कांग्रेस ने हेमंत सरकार में अपनी शुरुआत की।
कांग्रेस के कई विधायक दिखे नाराजगी
इससे आरंभ से मंत्री पद की रेस में चल रहे कई विधायक नाराज दिखे। इन विधायकों ने कई दिनों तक दिल्ली में कैंप कर मंत्री बनने के लिए लॉबिंग की थी। इसके अलावा, मंत्रिमंडल में ओबीसी कोटे को नजरअंदाज करने का आरोप लगा। कहा गया कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ओबीसी समुदाय के हित की बात करते हैं, लेकिन मंत्रिमंडल में एक भी विधायक को जगह नहीं दी गई।
प्रदीप यादव को विधायक दल का नेता क्यों बनाया?
इसके बाद आलाकमान के स्तर से पूरे मामले में हस्ताक्षेप हुआ और तय किया गया कि वरिष्ठ विधायक को विधायक दल के नेता पद पर बिठाया जाए, जो पूरी तरह से उम्मीद और अपेक्षाओं पर खड़ा उतर सके। प्रदीप यादव (Pradeep Yadav) इसी वजह से इस पद के लिए चिह्नित किए गए। विधानसभा सदस्य के तौर पर लंबे अनुभव के साथ-साथ उनकी तेजतर्रार छवि का फायदा कांग्रेस को मिल सकता है।
इसके अलावा, वे ओबीसी जनाधार भी कांग्रेस के पाले में ला सकते हैं। प्रदीप यादव छठी बार विधानसभा के सदस्य चुने गए हैं। उन्हें राज्य सरकार में मंत्री समेत सांसद बनने का भी मौका मिला है।
राजेश कच्छप और अनूप सिंह पर भी खेला दांव
दूसरी ओर, कांग्रेस द्वारा राजेश कच्छप को विधायक दल का उप नेता बनाकर जनजातीय समाज को संदेश देने की कोशिश की गई है। वहीं, मंत्री पद की रेस में चल रहे बेरमो के विधायक अनूप सिंह विधानसभा में पार्टी के सचेतक बनाए गए हैं। इन तमाम नियुक्तियां को अंजाम देकर पार्टी में विवाद पैदा होने से रोकने की दिशा में प्रयास किया गया।
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