Jharkhand Politics: कल्पना सोरेन ने खोला बड़ा राज, झारखंड में इन दो वजहों से मिला गठबंधन को प्रचंड बहुमत
सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कल्पना सोरेन ने बीजेपी की हार की प्रमुख वजह बताई। उन्होंने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन को जेल भेजने तथा भाजपा के प्रति जनता का गुस्सा ही भाजपा की जबरदस्त हार की वजह बना। इस दौरान उन्होंने कहा कि जनता के जनादेश से जिम्मेदारियां भी बढ़ी हैं जिन्हें पूरा करने की कोशिश की जाएगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। गांडेय से झामुमो विधायक कल्पना सोरेन ने गुरुवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान कहा कि भाजपा की अपनी गलतियां ही विधानसभा चुनाव में उसकी जबरदस्त हार के लिए जिम्मेदार हैं। कल्पना सोरेन ने भाजपा के प्रति जनता के गुस्से और बीजेपी की साजिश को जीत की वजह बताया।
गठबंधन की जीत की वजह
- कल्पना सोरेन ने कहा कि हमें यह जनादेश दो कारणों से मिला है। इसका पहला कारण भाजपा के प्रति जनता का गुस्सा था, क्योंकि वर्ष 2019 के जनादेश के विरुद्ध भाजपा लगातार सरकार को गिराने का प्रयास कर रही थी।
- दूसरी तरफ एक साजिश के तहत भाजपा ने आदिवासी नेता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जेल भेजा गया। यह जनादेश यहां के आदिवासियों ओर मूलवासियों ने दिया है।
- कल्पना ने ये भी कहा कि किसी ने अगर राज्य के ज्वलंत मुद्दों को उठाया है तो वह हेमंत सरकार है।
विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को बहुमत
- झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन ने 56 सीटों पर जीत हासिल की। इसमें झामुमो सबसे बड़ी पार्ट के रूप में सामने आई। झामुमो को 34 सीटें मिलीं। वहीं कांग्रेस को 16, राजद को 4, भाकपा-माले को 2 सीट मिलीं।
- NDA गठबंधन में बीजेपी को 21 सीटें, आजसू को 1 सीट, जदयू को 1 और जेएलकेएम को एक सीट मिली।
जनादेश से बढ़ी जिम्मेदारी
- कल्पना सोरेन ने यह भी कहा कि इस बार महागठबंधन को बड़ा जनादेश मिला है तो हमारी जिम्मेदारी भी बढ़ी है। जनता की अपेक्षा को पूरा करना है।
- कल्पना ने कहा, सोना झारखंड का जो सपना दिशोम गुरू शिबू सोरेन और अन्य झारखंड आंदोलनकारियों ने देखा था उसे हेमंत सरकार पूरा कर रही है।
केंद्र पर पक्षपात का आरोप
कल्पना ने केंद्र पर भेदभाव के भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि झारखंड के मनरेगा मजदूरों को सबसे कम मजदूरी मिलती है। प्रधानमंत्री आवास योजना और खेलो झारखंड में भी झारखंड को सबसे कम धनराशि मिलती है। झारखंड के लोग गरीब नहीं है, ऐसे ही गरीब बनाए जाते हैं।
घोषणाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार अपने कार्यों से दोबारा आई है। यह सरकार अबुआ (अपनों की) सरकार है। अपनी घोषणाओं को पांच वर्ष में पूरा करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
उन्होंने सरकार के पिछले कार्यकाल का भी जिक्र करते हुए कहा कि पांच वर्ष में दो वर्ष कोरोना में चले गए थे। शेष तीन वर्ष में भी पांच महीने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जेल में रहे। जितने भी काम हुए, वे कुछ वर्षों में ही हुए।
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