Jharkhand: 'चंपई को कौन-सा भूत लगा...', ये क्या बोल गए हेमंत के MLA; महिला विधायक भड़कीं
झारखंड विधानसभा के अंतिम दिन गुरुवार को सदन में हंगामा हो गया। झामुमो विधायक हेमलाल मुर्मू ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे भाजपा की महिला विधायक नाराज हो गईं। उन्होंने हेमलाल मुर्मू को सदन में माफी मांगने के लिए कहा। स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने हेमलाल मुर्मू की टिप्पणी को कार्यवाही से हटाने के निर्देश दिए जिसके बाद मामला शांत हुआ।

राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को झामुमो विधायक हेमलाल मुर्मू (JMM MLA Hemlal Murmu) की जुबान फिसल गई। अति उत्साह में वे कुछ ऐसा बोल गए जो भाजपा की महिला विधायकों को नागवार गुजरा। उनकी बात को असंसदीय बताते हुए विधायक नीरा यादव के नेतृत्व में भाजपा की सभी महिला विधायक हंगामा करते हुए आसन के समक्ष पहुंच गईं।
नीरा आसन से हेमलाल मुर्मू को सदन में माफी मांगने के निर्देश देने की मांग कर रही थीं। उनका कहना था कि यह सही है कि जनादेश हमारे विरुद्ध है, लेकिन इतना भी नहीं कि सदन में हम महिला विधायकों को अपमानित होना पड़े। स्पीकर रबींद्रनाथ महतो द्वारा हेमलाल मुर्मू की उक्त टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाने के निर्देश देने के बाद ही नीरा यादव मानीं।
'भाजपा के लोग ठगने और तिल का ताड़ बनाने में...'
दरअसल, हेमलाल मुर्मू कहना चाह रहे थे कि विपक्ष अपना गाल बजाना बंद करे। इस क्रम में ही उन्होंने आगे कुछ ऐसा बोला जिसे कार्यवाही से हटाना पड़ा। इससे पहले हेमलाल ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग ठगने और तिल का ताड़ बनाने में कम नहीं हैं।
'जनता ने BJP के मंसूबे को पूरा नहीं होने दिया'
उन्होंने महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के गायबथान गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को लड़ाने का प्रयास किया गया, लेकिन वहां की जनता ने भाजपा के मंसूबे को पूरा होने नहीं दिया।
'चुनाव से पहले उन्हें कौन-सा भूत लगा...'
उन्होंने चंपई सोरेन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पता नहीं चुनाव से पहले उन्हें कौन-सा भूत लगा कि वे उधर (भाजपा में) चले गए। वे स्वयं उधर 10 वर्ष रहकर आए हैं। लगता है चंपई भी 10 वर्ष बाद लौटेंगे।
'हेमंत और कल्पना की आंधी में तार-तार हो गईं कमल की पंखुड़ियां'
उन्होंने विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन की आंधी में कमल की पंखुड़ियां तार-तार हो गईं। कहा, भाजपा झारखंड की जनता की मनोदशा-मनोवृत्ति को समझ नहीं सकी। बाबूलाल और चम्पाई ने समझने का प्रयास किया तो ऊपर से नेता आकर पूरी पार्टी को हाइजैक कर गए। भाजपा को समझना चाहिए कि झारखंड के आदिवासियों ने उसे नकार दिया है।
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