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    KCC Loan: केसीसी लोन देने में झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक का बढ़ेगा दायरा, 200 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित

    Updated: Wed, 16 Apr 2025 02:15 PM (IST)

    झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक कृषि विकास में अपनी भागीदारी बढ़ा रहा है जिसमें केसीसी लोन को 200 करोड़ रुपये तक पहुंचाने की योजना है। कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की की उपस्थिति में नाबार्ड के साथ बैठक में बैंक कारस्पोंडेंट की संख्या बढ़ाने और माइक्रो एटीएम की उपयोगिता पर चर्चा हुई। एससी-एसटी और ओबीसी समाज की भागीदारी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। अब बैंक के बोर्ड की बैठक हर माह होगी।

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    केसीसी लोन देने में झारखंड को-आपरेटिव बैंक का बढ़ेगा दायरा (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News: कृषि विकास के क्षेत्र में झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक की भागीदारी बढ़ने जा रही है। झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक के द्वारा किसानों को दिए जाने वाले केसीसी लोन का आंकड़ा 200 करोड़ रुपये तक ले जाने की योजना है।

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    रांची के हेसाग स्थित पशुपालन निदेशालय में झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक और नाबार्ड के साथ कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की की बैठक में इस पर चर्चा हुई। बैठक में बैंक कारस्पोंडेंट की संख्या बढ़ाने के साथ उन्हें गतिशील बनाने का निर्देश दिया गया है।

    माइक्रो एटीएम की उपयोगिता और लेनदेन को लेकर भी भविष्य की कार्ययोजना तैयार की गई है। बैंक के द्वारा दिए जाने वाले लोन में एससी-एसटी और ओबीसी समाज की भागीदारी को बढ़ाने का दिशानिर्देश भी दिया गया है। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा है कि अब झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक के बोर्ड की बैठक हर माह होगी।

    पहले माह में बोर्ड की बैठक में जहां एजेंडा पर चर्चा होगी, वहीं दूसरे माह में एजेंडे की समीक्षा की जाएगी। बोर्ड के सदस्यों को सात दिन पहले एजेंडा उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। ऐसा नहीं होने पर बोर्ड की बैठक अमान्य करार दी जाएगी।

    जिला भ्रमण की जानकारी सभी निदेशक को 7 दिन पहले दी जाएगी

    झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक के अध्यक्ष के जिला भ्रमण की जानकारी सभी निदेशक को सात दिन पहले दी जाएगी। बोर्ड की बैठक में तैयार प्रोसिडिंग पर सभी सदस्य हस्ताक्षर करेंगे। चार दिनों के अंदर प्रोसिडिंग की कापी भी सभी सदस्य को उपलब्ध करा दी जाएगी।

    बोर्ड के सदस्य दो दिनों के अंदर किसी भी एजेंडे पर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। को-ऑपरेटिव बैंक के लिए दिए गए दिशानिर्देश मई माह से मान्य होंगे। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की को-ऑपरेटिव बैंक और नाबार्ड के साथ चार महीने के बाद फिर समीक्षा करेंगी।

    बैठक में विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीख, निबंधक सूरज कुमार, झारखंड को-ऑपरेटिव बैंक की अध्यक्ष विभा सिंह, बोर्ड आफ डायरेक्टर के सदस्य, नाबार्ड के अधिकारी मौजूद थे।

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