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    Maiya Samman Yojana: मंईयां सम्मान योजना ने बढ़ाई हेमंत सरकार की टेंशन, अब महिलाओं ने दिखाया रौद्र रूप

    Updated: Thu, 10 Apr 2025 09:53 AM (IST)

    मंईयां सम्मान योजना अब हेमंत सरकार के लिए टेंशन बनती जा रही है। योजना की राशि न मिलने से महिलाओं ने अब उग्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। जमशेदपुर में सैकड़ों आदिवासी महिलाएं ब्लॉक कार्यालय के सामने इकट्ठी हुईं और अपने अधिकारों की मांग की। उन्होंने हाता-टाटा मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर दिया जिससे आवागमन ठप हो गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला।

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    मंईयां सम्मान योजना में महिलाओं ने बढ़ाई परेशानी (जागरण)

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। Jharkhand News: जमशेदपुर के करनडीह ब्लाक में बुधवार को मंईयां सम्मान योजना की राशि न मिलने से आक्रोशित महिलाओं ने जमकर हंगामा किया। सैकड़ों आदिवासी महिलाएं ब्लाक कार्यालय के समक्ष एकत्र हुईं और अपने अधिकारों की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

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    गुस्से में उबली महिलाओं ने कुछ देर के लिए हाता-टाटा मुख्य मार्ग को अवरुद्ध कर दिया, जिससे आवागमन ठप हो गया। महिलाओं का कहना था कि महीनों से वे ब्लाक कार्यालय के चक्कर काट रही हैं, किंतु उनकी व्यथा सुनने वाला कोई नहीं।

    तपती धूप में भी उनका संकल्प अडिग रहा। अंततः परसुडीह थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला और महिलाओं को शांत किया।

    महीनों की प्रतीक्षा, फिर भी निराशा

    मंईयां सम्मान योजना, जो झारखंड सरकार द्वारा महिलाओं को आर्थिक संबल प्रदान करने हेतु प्रारंभ की गई थी, अब इनके लिए एक कटु विडंबना बन गई है। प्रदर्शनकारी महिलाओं में से एक, सीता सोरेन ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, "हमारे बच्चे भूखे हैं, घर का खर्च चलाना दूभर हो गया है।

    यह राशि हमारा हक है, फिर भी हमें दर-दर भटकना पड़ रहा है।" दूसरी महिला, हीरामुनि मुर्मू बताया कि वे पिछले चार माह से आवेदन की स्थिति जानने ब्लाक आ रही हैं, किंतु हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिलता है। तेज धूप में सड़क पर बैठी इन महिलाओं की आंखों में आक्रोश और असहायता का मिश्रण साफ झलक रहा था। उनके हाथों में मांगपत्र और कागजात लिए हुए थे, जो उनकी लंबी प्रतीक्षा और संघर्ष की गवाही दे रहे थे।

    सड़क जाम, प्रशासन की उड़ी नींद 

    प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने हाता-टाटा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया। राहगीरों और वाहन चालकों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। एक राहगीर ने कहा, "हम समझते हैं कि इनकी समस्या वास्तविक है, पर सड़क जाम होने से हमारा भी समय नष्ट हो रहा है।"

    करीब आधे घंटे तक चले इस अवरोध के बाद परसुडीह थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और महिलाओं को सड़क से हटाया। इसके बाद महिलाएं ब्लाक कार्यालय को घेर प्रदर्शन करने लगी।

    योजना का वादा और हकीकत का फासला

    मंईयां सम्मान योजना के तहत पात्र महिलाओं को प्रतिमाह 2500 रुपये की सहायता राशि देने का वादा किया गया था। किंतु कई महिलाओं का आरोप है कि आवेदन स्वीकृत होने के बावजूद राशि उनके खातों में हस्तांतरित नहीं हुई। सीमा हेम्ब्रम ने कहा, "हमारे नाम लाभार्थी सूची में हैं, फिर भी पैसा नहीं आया। क्या यह योजना केवल कागजों तक सीमित है?"

    कार्यालय के अधिकारियों ने इस मामले पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "राशि वितरण में देरी तकनीकी कारणों से हो रही है, लेकिन हम इसे शीघ्र हल करने का प्रयास कर रहे हैं।" किंतु यह अस्पष्टता महिलाओं के धैर्य की परीक्षा ले रही है।

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