Jharkhand Bijli Bill: सही बिजली बिल नहीं तो बिलिंग एजेंसी पर होगी कार्रवाई, CMD ने दिया डायरेक्ट ऑर्डर
सीएमडी ने बिजली बिलिंग एजेंसियों को सही तरीके से बिल नहीं देने पर रद करने का निर्देश दिया है। आम बिजली उपभोक्ताओं में से 80 प्रतिशत को ही बिजली बिल मि ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, रांची झारखंड ऊर्जा विकास निगम के सीएमडी सह राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने निर्देश दिया है कि बिजली बिलिंग एजेंसी अगर सही तरीके से उपभोक्ताओं को बिल नहीं दे पा रही है तो उसे तत्काल रद करें। उसके स्थान पर पैनल में शामिल अन्य बिलिंग एजेंसियों को मौका प्रदान किया जाए।
उन्होंने कहा कि आम बिजली उपभोक्ताओं में 80 प्रतिशत को ही बिजली बिल मिल पा रहा है। इसे बढ़ाकर उन्होंने बिलिंग 95 प्रतिशत तक करने का निर्देश दिया।
उन्होंने अधिकारियों को कहा कि बिजली बिल से संबंधित शिकायतों का त्वरित समाधान करें। वे बुधवार को सभी विद्युत एरिया बोर्ड के जीएम व डीजीएम के साथ ऑनलाइन समीक्षा बैठक कर रहे थे।
बैठक में निदेशक केके वर्मा, सुधीर कुमार समेत अन्य वरीय पदाधिकारी भी मौजूद थे। सीएमडी ने कहा कि राज्य के सभी जगहों पर उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए शिविर लगाएं। उपभोक्ताओं को वॉट्सएप नंबर पर जोड़ें और बिल भी वॉट्सएप पर दें। बिलिंग में कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
क्षेत्र का भ्रमण करें पदाधिकारी, बेवजह नहीं हो कटौती
सीएमडी ने आदेश दिया कि हर माह में प्रत्येक 15वें दिन मुख्यालय से अफसर फील्ड में जाकर निरीक्षण करेंगे कि बिलिंग और आपूर्ति सिस्टम ठीक से काम कर रहा है अथवा नहीं। बिलिंग के साथ-साथ बिजली आपूर्ति भी सुचारू रूप से हो, इसे हर हाल में सुनिश्चित करना है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी सिस्टम को पूरी तरह दुरुस्त रखें। यदि उपकरणों की कमी है तो मुख्यालय को इसकी सूचना दी जाए, ताकि कोई कमी नहीं रहे। कहीं भी बिजली कटौती बेवजह नहीं की जाए।
कड़ाके की ठंड से बढ़ी बिजली की मांग
झारखंड में बिजली की मांग बुधवार को 2200 मेगावाट से बढ़कर 2800 मेगावाट पहुंच गई। कड़ाके की ठंड के कारण एक्सचेंज पर बिजली की मांग का दबाव बढ़ा है। एक्सचेंज से बिजली खरीदने में बुधवार की सुबह समस्या आई तो इसे दूर करने के लिए सिकिदरी हाइड्रो पावर से बिजली उत्पादन किया गया।
मांग की अपेक्षा राज्य में सरकारी और निजी स्तर पर उत्पादन नहीं होने के कारण इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से ऊंची दर करीब 10 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीद कर आपूर्ति सामान्य रखी जा रही है। सुबह और शाम में 150 से 200 मेगावाट बिजली एक्सचेंज से खरीदी जा रही है।
- पिछली सर्दी के मुकाबले इस बार बिजली आपूर्ति की स्थिति बेहतर है। नवनिर्मित पतरातू पावर प्लांट की पहली यूनिट से राज्य को जल्द बिजली मिलने लगेगी। इसके बाद अतिरिक्त बिजली की मांग की स्थिति में एक्सचेंज पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
- राज्य में बिजली की मांग सामान्य तौर 2200 मेगावाट रहती है। तेनुघाट से 380 मेगावाट उत्पादन हो रहा है। इसके आलावा कुछ निजी प्लांट से बिजली खरीद की जाती है। शेष बिजली राष्ट्रीय ग्रिड से उपलब्ध होती है।
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