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    जमशेदपुर के MGM अस्पताल में बड़ी लापरवाही, डायलिसिस कराने पहुंचे मरीज की जान के साथ खिलवाड़

    Updated: Thu, 16 Jan 2025 12:14 PM (IST)

    जमशेदपुर के MGM अस्पताल की मेडाल पैथालॉजी में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है जहां डायलिसिस कराने पहुंचे मरीज की हेपेटाइटिस-बी पॉजटिव आई। इसके बाद ...और पढ़ें

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    एमजीएम अस्पताल के मेडाल लैब में बड़ी लापरवाही

    जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। मरीजों की जान से किस तरह खिलवाड़ हो रहा है, इसका एक उदाहरण बुधवार को देखने को मिला। इसे लेकर मरीज के स्वजन परेशान रहे और वे दिनभर इधर से उधर भटकते रहे, लेकिन इलाज कहीं नहीं मिला।

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    हेपेटाइटिस-बी पॉजटिव मिला मरीज

    सोनारी निवासी 26 वर्षीय एक युवक किडनी रोग से ग्रस्त है। चिकित्सकों ने उसे डायलिसिस कराने की सलाह दी। इसके बाद मरीज महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में डायलिसिस कराने पहुंचे।

    इस दौरान पीपीपी मोड पर संचालित मेडाल लैब में जांच कराई गई तो मरीज की रिपोर्ट में हेपेटाइटिस-बी वायरस की पुष्टि हुई। इसे देख मरीज के स्वजन भी घबरा गए।

    दूसरे पैथोलॉजी सेंटर में रिपोर्ट निगेटिव

    वहीं, एमजीएम में डायलिसिस करने से भी इनकार कर दिया। इसके बाद मरीज सोनारी स्थित ब्रह्मानंद अस्पताल पहुंचा। वहां भी हेपेटाइटिस-बी की जांच हुई तो रिपोर्ट निगेटिव आई। इसके बाद क्रॉस चेक करने के लिए आदित्यपुर के लैब डॉ. जे शरण पैथोलॉजी सेंटर में भी जांच कराई गई। वहां की रिपोर्ट भी निगेटिव आई।

    सभी रिपोर्ट लेकर मरीज एक बार फिर एमजीएम अस्पताल पहुंचा और सभी रिपोर्ट दिखाई गई, लेकिन फिर भी डायलिसिस नहीं हुआ।

    डायलिसिस सेंटर के कर्मचारियों का कहना था कि इस रिपोर्ट पर उन्हें भरोसा नहीं हो रहा है। ऐसे में उनके द्वारा एक पैथोलाजी सेंटर का नाम बताया गया, जहां पर जांच कराने की सलाह दी गई।

    एमजीएम अधीक्षक को दी जानकारी

    इसे देखते हुए मरीज के स्वजन एमजीएम अधीक्षक डॉ. शिखा रानी के पास पहुंचे और सारी परेशानी उन्हें बताई। मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें इमरजेंसी विभाग भेजा गया और भर्ती होकर डायलिसिस कराने की सलाह दी गई।

    इस दौरान इमरजेंसी विभाग में चिकित्सकों ने मरीज को भर्ती कर लिया, लेकिन फिर भी डायलिसिस नहीं हुआ। पीपीपी मोड पर संचालित डायलिसिस सेंटर के कर्मचारियों का कहना है कि यहां पर हेपेटाइटिस-बी पॉजिटिव मरीजों के लिए डायलिसिस की सुविधा नहीं है।

    वहीं दूसरी ओर मरीज के स्वजन और दूसरे निजी पैथोलॉजी लैबों की रिपोर्ट के अनुसार, मरीज की हेपेटाइटिस-बी रिपोर्ट निगेटिव है। मरीज के स्वजनों का कहना है वे किसकी रिपोर्ट पर भरोसा करें।

    एक तरफ हेपेटाइटिस-बी जैसी गंभीर बीमारी को पॉजिटिव बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ निगेटिव। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है। इस तरह के मामले को प्रशासन गंभीरता से लें। चूंकि, यह आम लोगों से जुड़ा हुआ मामला है।

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