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    कम पानी पीने से हो जाएंगे गंभीर बीमारी का शिकार, ऑपरेशन तक की आ सकती है नौबत; ये है डॉक्टर की सलाह

    Updated: Wed, 15 Jan 2025 03:55 PM (IST)

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। किडनी में स्टोन की समस्या आज लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस बीमारी से ग्रसित रोगियों की संख्या में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है।

    अनियमित लाइफ स्टाइल व खानपान के अलावे कुछ मेडिकल कंडीशन में भी किडनी स्टोन बनने की आशंका बढ़ती है। किडनी स्टोन से पीड़ित मरीजों को कई बार काफी दर्द से भी गुजरना पड़ता है।

    सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि पर्याप्त पानी पीने से कम होती किडनी स्टोन की आशंका बढ़ती है। हमारे ब्लड में कैल्शियम, सोडियम, ऑक्सलेट आदि कई मिनरल्स होते हैं।

    इसमें यूरिक एसिड भी होता है। जब किडनी इन्हें छानकर यूरीन के रूप में बाहर निकालती है तो इसके लिए फ्लूइड या पानी की जरूरत होती है। पानी की कमी होने पर ये पदार्थ आपस में ही चिपकने लगते हैं।

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    यही स्टोन बन जाते हैं। इसलिए पर्याप्त पानी पीना जरूरी है। कहा कि जो लोग पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, उन्हें किडनी स्टोन होने की आशंका सबसे अधिक होती है। इसके अलावा कुछ मेडिकल कंडीशन भी किडनी स्टोन के लिए जिम्मेदार हैं।

    ब्लॉकेज से किडनी में वापस जा सकता है यूरीन

    सिविल सर्जन ने कहा कि किडनी स्टोन से होने वाले ब्लॉकेज के कारण यूरीन वापस किडनी में जा सकता है। इसके कारण किडनी में सूजन (हाइड्रोनेफ्रोसिस) हो सकती है।

    किडनी में इन्फेक्शन (पाइलोनेफ्राइटिस) हो सकता है। एक्यूट किडनी इंजरी हो सकती है। यह एक तरह का किडनी फेल्योर है, जिसे रिवर्स किया जा सकता है। बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हो सकता है।  क्रानिक किडनी डिजीज हो सकती है।

    स्टोन का आकार बढ़ने पर ऑपरेशन जरुरी

    • सिविल सर्जन ने कहा कि छोटा स्टोन होने से दवा लेने पर यूरीन के माध्यम स्टोन पास होने में मदद मिलेगी। अगर स्टोन बड़ा है तो कुछ समय तक इंतजार करना पड़ सकता है कि कि यह यूरीन के साथ अपने आप निकल जाए।
    • अगर स्टोन का आकार बढ़ रहा है या उसके चलते किडनी को कोई नुकसान हो रहा है तो उसका इलाज किया जा सकता है। इसमें सबसे पहले दर्द कम करने की दवा दी जाती है और यूरेथ्रा को कंफर्ट किया जाता है।
    • किडनी से निकला यूरीन ब्लेडर में जमा होता रहता है, जब यूरीन 300-400 मिलीलीटर से ज्यादा हो जाता है तो एक ट्यूब या नली के जरिए शरीर से बाहर निकलता है। इस ट्यूब को यूरेथ्रा कहते हैं।
    • किडनी स्टोन होने पर यूरेथ्रा पर भी दबाव पड़ता है और दर्द होता है। इसलिए चिकित्सक दवाओं के जरिए उस दर्द को कम करने की कोशिश करते हैं।
    • वर्तमान में किडनी स्टोन की बीमारी से निजात के लिए शाकवेव लिथोट्रिप्सी, यूरेटेरोस्कोपी, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी ओपन सर्जरी किया जाता है।

    बचाव के लिए खान-पान में करें परहेज

    • डॉ. सिन्हा के अनुसार अगर किसी मरीज को किडनी स्टोन की समस्या है, उनको खानपान में परहेज बरतना चाहिए। उनको नमक कम खाना चाहिए। हाई आक्सलेट वाली चीजें-चाकलेट, चाय, शकरकंद नहीं खानी चाहिए।
    • इसके साथ ही मीट, कोलड्रिंक्स सहित ऐसी किसी चीज का प्रयोग न करें, जिसमें हाई फ्रुक्टोज कार्न सिरप हो।
    • शराब या किसी भी डिहाइड्रेटिंग चीज के सेवन नहीं करना चाहिए। जिन्हें स्टोन्स नहीं हैं, उन्हें भी उपरोक्त डायट का पालन करना चाहिए।

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