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    Hemant Soren: अभी-अभी तो कुर्सी पर बैठे थे हेमंत; 1 चिट्ठी ने कर दिया 'खेल', गठबंधन पर संकट?

    झारखंड में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांग्रेस ने गठबंधन में विश्वसनीयता का संकट पैदा कर दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को मंत्रियों को विभाग आवंटित किए लेकिन उससे पहले ही कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के विभागों की सूची लीक हो गई। इस घटना से झारखंड में आईएनडीआईए के घटक दलों के बीच गोपनीयता और विश्वास का संकट पैदा हो गया है।

    By Pradeep singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Fri, 06 Dec 2024 08:28 PM (IST)
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    अभी-अभी तो कुर्सी पर बैठे थे हेमंत; 1 चिट्ठी ने कर दिया 'खेल'

    राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने शुक्रवार को मंत्रिमंडल (Jharkhand Cabinet Ministers) के सदस्यों को विभाग आवंटित किए। गुरुवार को उन्होंने मंत्रिमंडल का विस्तार किया था। उसी दिन शाम ढलते-ढलते कांग्रेस कोटे के चार मंत्रियों राधाकृष्ण किशोर, दीपिका पांडेय सिंह, इरफान अंसारी और शिल्पी नेता तिर्की के विभागों से संबंधित चिट्ठी लीक कर दी गई।

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    इसे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से भेजा गया था। पत्र में कांग्रेस कोटे के सभी मंत्रियों के लिए निर्धारित विभागों का उल्लेख था।

    हालांकि, लीक हुए पत्र के मुताबिक मंत्रियों को हूबहू विभागों का आवंटन नहीं हुआ, लेकिन इस पूरे प्रकरण ने झारखंड में आईएनडीआईए के घटक दलों के बीच गोपनीयता और विश्वसनीयता का संकट पैदा किया है।

    कांग्रेस नेतृत्व की अपरिपक्वता

    इससे राज्य में कांग्रेस नेतृत्व की अपरिपक्वता भी स्पष्ट हो गई है। स्वाभाविक है कि राष्ट्रीय महासचिव का पत्र प्रदेश कांग्रेस के वरीय पदाधिकारियों को पास आया होगा। इसके बाद इसे प्रसारित करने से गलतफहमी फैली।

    इस प्रकरण में कार्रवाई भी हो सकती है, लेकिन यह भी स्पष्ट है कि कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान के कारण ही मंत्रिमंडल के विस्तार में देरी हुई।

    'हर स्तर पर हुई लॉबिंग'

    कांग्रेस के विधायक बार-बार दिल्ली की दौड़ लगाते रहे। हर स्तर पर लॉबिंग होती रही। सीमित कोटे में विधायकों के बीच मंत्री बनने की होड़ में सात दिन तक कवायद चली। इसके बाद भी मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार की परवाह किए बगैर विभागों के लिए जारी गोपनीय चिट्ठी लीक कर दबाव बनाने का औचित्य समझ से परे है।

    JMM में नाराजगी!

    इससे कहीं ना कहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा खेमे में नाराजगी है, जो गठबंधन की अंदरूनी बैठकों में खुलकर सामने आएगा। इतना तय है कि सरकार गठन के साथ ही ऐसी लापरवाही आईएनडीआईए के घटक दलों के बीच परस्पर समन्वय, संबंध और आपसी विश्वास को काफी हद तक प्रभावित करेगा।

    प्रोटेम स्पीकर ने उच्चाधिकारियों को दिए विस सत्र को लेकर निर्देश

    विधानसभा के प्रोटम स्पीकर स्टीफन मरांडी ने शुक्रवार को अपने कक्ष में उच्चाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। विधानसभा सत्र के मद्देनजर उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक सहित अन्य विभागों के वरीय पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

    उन्होंने नवनिर्वाचित सदस्यों के आवास एवं सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में भी आदेश दिए। मुख्य सचिव अलका तिवारी ने बैठक में अवगत कराया कि सत्र को ध्यान में रखते हुए पर्याप्त सुरक्षा बल एवं दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है।

    सत्र के दौरान पर्याप्त चिकित्सकों की व्यवस्था के अलावा आवश्यक जीवनरक्षक दवा व एंबुलेंस की भी सुविधा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया। विधानसभा सत्र के क्रम में किसी भी प्रकार की अनावश्यक भीड़ तथा उचित यातायात प्रबंधन के संबंध में भी बैठक में चर्चा हुई।

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