Jharkhand Jamin Survey: 6 महीने में पूरा हो जाएगा सभी जिलों में जमीन का सर्वे, सरकार ने HC को बताया
झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य में जमीन सर्वे को जल्द पूरा कराने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने राज्य सरकार को जमीन सर्वे की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। सरकार ने कहा कि सभी जिलों को सर्वे पूरा करने में कम से कम छह माह लगेंगे। 40 साल से चल रहा सर्वे पूरा नहीं हुआ काम।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand High Court झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की कोर्ट में शुक्रवार को राज्य में जमीन सर्वे (Jharkhand Land Survey) को जल्द पूरा कराने की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद पीठ ने राज्य सरकार को जमीन सर्वे की प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई फरवरी में होगी।
राज्य में शुरू हो गया है जमीन सर्वे का काम
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य में जमीन सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। लातेहार और लोहरदगा में सर्वे पूरा हो गया है। हेमंत सरकार (Hemant Government) ने कहा कि सभी जिलों को सर्वे पूरा करने में कम से कम छह माह लगेंगे।
'40 साल से चल रहा सर्वे, पूरा नहीं हुआ काम'
सुनवाई के दौरान प्रार्थी गोकुलचंद की ओर से कोर्ट को बताया गया कि वर्ष 1980 से झारखंड में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। 40 वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन राज्य सरकार इसे पूरा नहीं करा सकी है।
उन्होंने कहा, सर्वे पूरा नहीं होने से जमीन माफिया सक्रिय हैं। वह जमीन के दस्तावेज में हेराफेरी कर जमीन की प्रकृति बदल इसकी खरीद-बिक्री कर रहे हैं। जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। जमीन सर्वे के लिए समय सीमा तय की जानी चाहिए। इस पर कोर्ट ने प्रगति रिपोर्ट मांगी है।
बालू घाट के टेंडर को लेकर एनजीटी में आवेदन देने की छूट
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में राज्य के सभी बालू घाटों का टेंडर किए जाने की मांग वाली जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने टेंडर के लिए प्रार्थियों को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के यहां आवेदन देने की छूट प्रदान करते हुए याचिका निष्पादित कर दी। इस संबंध में बालू व्यवसायी संघ की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई थी।
सुनवाई के दौरान प्रार्थियों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य में 444 घाट से बालू उठाव होता है, लेकिन सरकार ने सिर्फ 23 घाट से ही बालू उठाने का टेंडर जारी किया है। उनकी ओर से सभी घाटों से बालू के उठाव का टेंडर करने के लिए सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया गया।
सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि एनजीटी के आदेशानुसार फिलहाल 23 घाटों से ही बालू की निविदा की जा सकती है। इसे आगे बढ़ाने के लिए सरकार कदम उठा रही है। शीघ्र ही इसे बढ़ाया जाएगा। सुनवाई के बाद कोर्ट ने प्रार्थियों से कहा कि वह इस मामले में एनजीटी के पास आवेदन दें। एनजीटी ही इस मामले पर सुनवाई करेगा। इसके बाद कोर्ट ने याचिका निष्पादित कर दी।
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