Jharkhand Budget 2025: हेमंत सरकार ने छात्रों को दी बड़ी सौगात, खुलेंगी 26 नई यूनिवर्सिटी-कॉलेज; बनेगा एजुकेशन हब
Jharkhand Budget 2025 झारखंड सरकार ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपना पहला बजट पेश किया। वित्त मंत्री ने एक लाख 45 हजार 400 करोड़ का वार्षिक बजट पेश किया। बजट में शिक्षा स्वास्थ्य रोजगार सहित झारखंड वासियों के लिए कई बड़े एलान किए गए हैं। प्रदेश में 7 नए मेडिकल कॉलेज 3 यूनिवर्सिटी और 5 बिजनेस स्कूल की स्थापना की जायेगी।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में आज वित्तिय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया गया। राज्य सरकार के इस बजट में स्कूली शिक्षा से अधिक उच्च एवं तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया गया है। हालांकि, योजना आकार की बात करें तो स्कूली शिक्षा पर उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की तुलना में कई गुना अधिक है।
स्कूली शिक्षा में राज्य सरकार ने जहां गुणवत्ता में सुधार पर जोर दिया है, वहीं, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में आधारभूत संरचनाओं के विकास पर जोर दिया है। इसी कारण, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के विकास के लिए कई नए संस्थानों की स्थापना का प्रस्ताव बजट में किया गया है।
बजट घोषणा के अनुसार, राज्य में तीन नए विश्वविद्यालय तथा इतने ही तकनीकी विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। राज्य के जमशेदपुर, गुमला एवं साहिबगंज में जहां नए विश्वविद्यालयों की स्थापना होगी, वहीं, जमशेदपुर, धनबाद तथा दुमका में तीन नए तकनीकी विश्वविद्यालयों की स्थापना होगी।
बजट घोषणा में बोकारो एवं गोड्डा में नवनिर्मित इंजीनियरिंग कॉलेज में शैक्षणिक सत्र 2025-26 से पढ़ाई शुरू करने की बात कही गई है। वहीं, रांची, खूंटी, जमशेदपुर, गुमला, साहिबगंज तथा गिरिडीह में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना किए जाने का भी जिक्र किया गया है।
राज्य में व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कौशल विश्वविद्यालय तथा फिन-टेक यूनिवर्सिटी की भी स्थापना का भी प्रस्ताव किया गया है। साथ ही जमशेदपुर, पलामू, रांची, धनबाद, हजारीबाग एवं देवघर में स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मास कम्युनिकेशन की स्थापना का भी प्रस्ताव है।
झारखंड बनेगा एजुकेशन हब।
इनके अलावा राज्य में पांच नए विधि कॉलेज भी रांची, हजारीबाग, धनबाद, दुमका एवं पलामू में खोले जाएंगे।
रांची सहित इन जिलों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज
रांची, खूंटी, गिरिडीह, जमशेदपुर, धनबाद, देवघर और जामताड़ा में मेडिकल कॉलेज की स्थापना।
अब राज्य सरकार स्वयं चलाएगी मदरसा
मदरसों एवं अल्पसंख्यकों के लिए संचालित शिक्षा योजनाओं को वित्तीय वर्ष 2025-26 से राज्य योजना के अधीन किया जाएगा। बजट में इसकी भी घोषणा की गई है।
- 15,198.35 करोड़ प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा के लिए किया गया है प्रविधान।
- 2409.21 करोड़ उच्च एवं तकनीकी शिक्षा के लिए किया गया है प्रविधान।
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा पर राज्य सरकार का जोर क्यों?
- राज्य में एक लाख की आबादी (18-23 वर्ष) पर महज आठ कॉलेज उपलब्ध हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर इतनी आबादी पर 30 कॉलेज उपलब्ध है।
- राज्य में तकनीकी एवं अन्य उच्च संस्थानों की भारी कमी है।
- यहां एक कॉलेज में औसतन 1,848 छात्र-छात्राओं का नामांकन होता है। इसका कहीं न कहीं असर शैक्षणिक गुणवत्ता पर पड़ता है। इस मामले में पूरे देश में बिहार राज्य तथा केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के बाद झारखंड की सबसे खराब स्थिति है।
- झारखंड में राज्य में उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (ग्रास एनरोलमेंट रेशियो) की स्थिति भी अच्छी नहीं है। यहां यह अनुपात 18.6 है।
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