Jharkhand Budget 2025: सोरेन सरकार के बजट में 2 खास एलान, टूरिज्म और रोजगार के मौके बदल देंगे तस्वीर
झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने बड़ा एलान किया है। प्रदेश में प्रमंडल स्तर पर पर्यटन सर्किट बनाया जाएगा। वित्त मंत्री के एलान से हजारीबाग के उपेक्षित पर्यटन केंद्रों की तस्वीर बदल सकती है। इसके साथ ही यहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। अभी भी यहां के पर्यटन स्थल करीब 2000 परिवारों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता हजारीबाग। Jharkhand Budget 2025: अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने पर्यटन के क्षेत्र में झारखंड में असीम संभावनाएं को देखते हुए प्रमंडल स्तर(डिवीजन लेवल) पर पर्यटन सर्किट बनाने की घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि पर्यटन को रोजगार व राजस्व का सबसे बड़ा साधन बनाया जाएगा। ऐसे में वित्त मंत्री की यह घोषणा हजारीबाग में अब तक उपेक्षित पर्यटन केंद्रों की तस्वीर बदल सकती है।
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
प्रमंडल में कई ऐसे पर्यटन स्थल है जहां पर विकास की किरण पहुंचेगी तो घरों तक रोजगार पहुंचेंगा और राज्य को राजस्व का सबसे बड़ा साधन प्राप्त हो जाएगा। वर्तमान समय ही बात करें तो उपेक्षित होने के बावजूद यहां के पर्यटन स्थल वर्तमान में करीब 2000 परिवारों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार दे रहे हैं।
मंदिरों का शहर बन सकता है इचाक
कभी रामगढ़ राज की राजधानी रही हजारीबाग मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर इचाक आज भी मंदिरों का शहर बन सकता है। 200 साल तक शासन करने वाले रामगढ़ राजपरिवार के द्वारा यहां कई मंदिरों का निर्माण कराया गया था।
- बताया जाता है कि कभी इचाक में थे 174 मंदिर थे। आज इनमें से केवल कुछ ही बचे हैं और वे भी पूरी तरह उपेक्षित अवस्था में पड़े हैं, मूर्तियां गायब हैं।
- इसके बावजूद इन मंदिरों की शिल्पकला और भव्यता आज भी उनकी कभी की गई अद्भुत निर्माण क्षमता और धार्मिक महत्व की झलक देती है।
यहां दो अखाड़े बड़ा और छोटा अखाड़ा है। बड़ा अखाड़ा आज भी अच्छी तरह से संरक्षित है, जबकि छोटा अखाड़ा खंडहर में तब्दील हो चुका है। ऐसे में अगर यहां पर्यटन क्षेत्र का विकास होता है यह मलूटी की तर्ज पर विकसित हो सकता है। लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार प्राप्त हो सकता है।
सूर्यकुंड में सबसे बड़ा पर्यटन स्थल बनने की संभावना
हजारीबाग से 65 किलोमीटर दूर बरकट्ठा प्रखंड का सूर्यकुंड है। यहां पर्यटन को विकास की लिए राशि तो खर्च की गई, लेकिन इसके बावजूद इसपर जैसा काम होना चाहिए था वह हुआ नही। इसकी खासियत की बात करें तो
सूर्यकुंड में पानी का तापमान सामान्यतः 88.5 डिग्री सेल्सियस तक रहता है, जो इसे भारत के सबसे गर्म जलकुंडों में से एक बनाता है। यहां पांच प्रमुख कुंड सूर्य कुंड, लक्ष्मण कुंड, ब्रह्म कुंड, राम कुंड और सीता कुंड है। इन कुंडों के जल में उच्च मात्रा में सल्फर पाया जाता है, जो चर्म रोगों के उपचार में लाभकारी माना जाता है।
हर वर्ष मकर संक्रांति के अवसर पर यहां 14 से 31 जनवरी तक एक भव्य मेला आयोजित किया जाता है, जिसमें झारखंड और अन्य राज्यों से हजारों श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होते हैं। अगर इस क्षेत्र का विकास होता है कि बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।
पर्यटन क्षेत्र में इनमें है विकास की असीम सभावनाएं
हजारीबाग में करीब एक दर्जन ऐसे पर्यटन स्थल हैं जिसे विकसित करने पर पर्यटकों का तांता लग सकता है। कही रोपवे बनाया जा सकता है तो कहीं पर वाटर स्पोर्ट्स की शुरूआत की जा सकती है।
इनमें हजारीबाग शहर के अंदर मौजूद कनहरी हिल व झील, बड़कागांव स्थित बरसोपानी, इचाक स्थित हजारीबाग वन आश्रयणी, इचाक स्थित बुढिया माता मंदिर, विष्णुगढ़ स्थित कोनार डैम, बड़कागांव स्थित इस्को गांव आदि शामिल हैं।
हजारीबाग में पर्यटन की असीम सभावनाएं है। पर्यटन स्थल को सबसे पहले वर्गीकरण किया जाए। प्राकृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक स्थलों को चिन्हित कर आने जाने की सुविधा, खाने-पीने व ठहरने की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
अगर योजनाबद्ध तरीके से हजारीबाग में काम होगा तो हजारीबाग में पर्यटन उद्योग का रूप ले सकता है। यहां जनजातीय परंपरा से जुड़े धरोहर मौजूद हैं तो ऐतिहासिक स्थलों में भरमार है। इसके लिए जरूरी है कि स्थानीय लोगों को जोड़कर योजना बनाई जाए सिर्फ अधिकारियों तक इसे समिति नही रखा जाए
प्रो सुकल्याण मोइत्रा, एचओडी, राजनीतिक शास्त्र विभाग विभावि
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