छात्रों के लिए खुशखबरी! बरियातू फार्मेसी इंस्टीट्यूट में शुरू होगा बी फार्मा कोर्स, जानें पूरी डिटेल
गवर्नमेंट फार्मेसी इंस्टीट्यूट बरियातू का नया भवन हैंडओवर कर दिया गया है। नए सरकारी फार्मेसी कॉलेज में अगले वर्ष से 60 सीटों पर बी फार्मा की पढ़ाई शुरू होगी। पुराने फार्मेसी इंस्टीट्यूट में अभी 60 सीटों पर डी फार्मा की पढ़ाई चल रही है। इसके साथ ही यहां 24 फैकल्टी की नियुक्ति के लिए पद सृजित किए गए हैं। 45 पद अन्य कर्मचारियों की भी नियुक्ति होगी।

अनुज तिवारी, रांची। करीब दो वर्ष के बाद गवर्नमेंट फार्मेसी इंस्टीट्यूट बरियातू का नया भवन हैंडओवर कर दिया गया। जिसके बाद अब अगले वर्ष से यहां 60 सीटों पर बी फार्मा (स्नातक फार्मेसी पाठ्यक्रम) की पढ़ाई शुरू होगी। इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है, जिसमें 24 फैकल्टी की नियुक्ति के लिए पद सृजित कर लिया गया है।
जेपीएससी के माध्यम से होगी नियुक्ति
इसके साथ ही 45 पद अन्य कर्मचारियों के लिए भी सृजित किए गए हैं। सभी फैकल्टी की नियुक्ति जेपीएससी के माध्यम से होगी, जबकि अन्य कर्मियों की नियुक्ति जेएसएससी के द्वारा चयन कर किया जाएगा।
फिलहाल पुराने फार्मेसी इंस्टीट्यूट में अभी 60 सीटों पर डी फार्मा की पढ़ाई चल रही है, जिसके कैंपस में ही नया भवन बनाया गया है।
सरकार की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है, जो भी कमियां है उसे पूरा किया जा रहा है ताकि इस वर्ष के अंत तक सारी तैयारियां पूरी हो जाए। इससे अगले सत्र से नामांकन की प्रक्रिया हो सकेगी, जिसके बाद यहां के छात्रों को बी फार्मा करने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अभी यहां सिर्फ फार्मेसी में डिप्लोमा सर्टिफिकेट ही मिल पाता था, जबकि बी फार्मा शुरू होने के बाद बैचलर्स की डिग्री मिल सकेगी।
आशा रानी, इंस्टीट्यूट की प्राचार्या
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया करेगा निरीक्षण
अभी नामांकन प्रक्रिया से पहले फार्मेसी काउंसिल आफ इंडिया की टीम नए भवन का भौतिक निरीक्षण करेगी। जिसके बाद पूरी व्यवस्था सही पाए जाने पर ही 60 सीटों पर नामांकन लेने की अनुमति मिलेगी।
इसमें सबसे बड़ी समस्या पद सृजन को लेकर थी, जिसे फिलहाल पूरा कर लिया गया है। काउंसिल से अनुमति मिलने के साथ ही आगे की प्रक्रिया सरल होगी।
मालूम हो कि बी फार्मा की पढ़ाई करने के लिए सरकार की ओर से अभी तक किसी संस्थान की व्यवस्था नहीं थी, जिस वजह से इस विषय को लेने वाले छात्रों को बाहर का रूख अपनाना पड़ता था।
वहीं, निजी संस्थानों में मोटी फीस देकर पढ़ाई पूरी करनी पड़ती है। यहां नामांकन की प्रकिया प्रवेश परीक्षा के आधार पर होगा. जिसके बाद चयनित छात्र-छात्राओं का नामांकन हो सकेगा।
दो वर्ष पहले ही शुरू होनी थी बी फार्मा की पढ़ाई
नए भवन को बनाने में करीब पांच वर्ष का समय लगा और पिछले वर्ष ही भवन निर्माण विभाग की ओर से हैंडओवर कर दिया गया था।
सच्चाई यह है कि बी फार्मा की पढ़ाई दो वर्ष पहले ही शुरू करना था, लेकिन निर्माण पूरा होने के बाद भी हैंडओवर समय पर नहीं लिया गया। हैंडओवर होने के बाद अब जाकर नामांकन लेने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
इसमें एक बड़ी चुनौती यह है कि अगर काउंसिल के द्वारा निरीक्षण में कोई कमियां पाईं गईं तो मान्यता नहीं मिल सकेगी। इसे लेकर सरकार को पहले ही पूरी तैयारी करनी होगी।
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