IAS Pooja Singhal: फिर मुश्किल में आईएएस पूजा सिंघल, कोर्ट पहुंच गई ED; दाखिल की याचिका
आईएएस पूजा सिंघल की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोर्ट में याचिका दाखिल की है। ईडी ने मांग की है कि पूजा सिंघल को फिलहाल किसी भी विभाग की जिम्मेदारी न दी जाए क्योंकि वह केस को प्रभावित कर सकती हैं। पिछले दिनों पूजा सिंघल को जमानत मिलने के बाद राज्य सरकार ने उनके निलंबन को वापस ले लिया था।

राज्य ब्यूरो, रांची। ईडी ने रांची स्थित पीएमएलए की विशेष अदालत में दाखिल याचिका में आग्रह किया है कि आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल (IAS Pooja Singhal) को कोई विभाग नहीं दिया जाए। वह प्रभावशाली अधिकारी हैं। विभाग मिलने के बाद वह ईडी में चल रहे केस को प्रभावित करने का प्रयास कर सकती हैं।
इस मामले में कोर्ट ने पूजा सिंघल से भी जवाब दाखिल करने को कहा था। इसके बाद पूजा सिंघल ने जवाब दाखिल किया है। इस मामले में 14 फरवरी को अगली सुनवाई होनी है।
बता दें कि खान एवं भूतत्व विभाग की पूर्व सचिव आईएएस पूजा सिंघल मनरेगा घोटाला केस में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अनुसंधान के क्रम में ईडी के हाथों 11 मई 2022 को गिरफ्तार हुईं थीं। करीब 28 महीने जेल में रहने के बाद पूजा सिंघल सात दिसंबर 2024 को जमानत पर जेल से बाहर निकलीं थीं।
ईडी ने याचिका में बताया है कि जमानत पर जेल से बाहर निकलने के बाद पूजा सिंघल ने योगदान दे दिया है। उन्हें राज्य सरकार कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। अगर ऐसा हुआ तो वह केस के गवाहों, साक्ष्यों को प्रभावित कर सकती हैं।
क्या है मनी लॉन्ड्रिंग मामला?
गौरतलब है कि खूंटी उपायुक्त रहने के दौरान फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच पूजा सिंघल ने बिना काम के मनरेगा घोटाला मामले में 18 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया था। इस मामले में निगरानी विभाग ने इंजीनियरों पर 2011 में पहली प्राथमिकी दर्ज की थी।
इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच के क्रम में ईडी ने छह मई 2022 को पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के पास से 19.76 करोड़ रुपये नकदी की बरामदगी की थी। ईडी ने इस केस में अब तक पूजा सिंघल से जुड़े 82.77 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियों को जब्त किया था।
ईडी के निशाने पर पर कौन-कौन?
इस मामले में ईडी ने पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा, उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की थी।
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