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    IAS Pooja Singhal: पूजा सिंघल के बाद अगला नंबर किसका, ED की लिस्ट में 3 बड़े नाम; क्या करेंगे हेमंत?

    Updated: Fri, 31 Jan 2025 11:16 PM (IST)

    झारखंड की चर्चित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की मुश्किलें फिर बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ केस चलाने की राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी है। ईडी अब जेल में बंद अन्य सभी लोकसेवकों के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर राज्य सरकार से अभियोजन की स्वीकृति लेगी। ऐसा होने पर रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन पूर्व मंत्री के निजी सचिव संजीव लाल सहित अन्य की मुश्किलें बढ़ेंगी।

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    IAS पूजा सिंघल के विरुद्ध ED ने राज्य सरकार से मांगी है अभियोजन स्वीकृति। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, रांची। आईएएस पूजा सिंघल के बाद अब जेल में बंद अन्य सभी लोकसेवकों के विरुद्ध ईडी राज्य सरकार से अभियोजन की स्वीकृति लेगी।

    इन अधिकारियों में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन, पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल, पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम शामिल हैं।

    भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा-218 के तहत किसी भी जांच एजेंसी को किसी भी लोक सेवक के विरुद्ध अभियोजन चलाने के लिए राज्य सरकार की अनुमति अनिवार्य है।

    ईडी ने राज्य सरकार से मांगी स्वीकृति

    हाल ही में ईडी ने आईएएस पूजा सिंघल के विरुद्ध राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति मांगी है। पूजा सिंघल के विरुद्ध पीएमएलए की विशेष अदालत में पहले से ट्रायल चल रहा है।

    पूजा सिंघल ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर बताया था कि उनके विरुद्ध ईडी को राज्य सरकार से अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है, इसलिए उनके विरुद्ध दर्ज मामले को निरस्त किया जाए।

    उन्होंने अदालत को बताया था कि किसी भी सरकारी अधिकारी के विरुद्ध आपराधिक केस चलाने के लिए अभियोजन स्वीकृति अनिवार्य है, लेकिन ईडी ने ऐसा नहीं किया। पूजा सिंघल की याचिका पर तीन जनवरी को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने ईडी से जवाब मांगा है।

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    जमीन घोटाले के केस में जेल में बंद हैं छवि रंजन

    रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में रांची के पूर्व उपायुक्त आईएएस अधिकारी छवि रंजन, पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल व पूर्व मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम बंद हैं।

    छवि रंजन जमीन घोटाला केस में जेल में हैं। वहीं संजीव लाल और वीरेंद्र राम टेंडर आवंटन घोटाला केस में गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में हैं।

    ईडी रांची ने पीएमएलए के तहत अनुसंधान के दौरान इन आरोपितों की भूमिका को संदिग्ध माना था, उनके विरुद्ध साक्ष्य जुटाए और उसके आधार पर ही उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा है। इन सभी आरोपितों पर चार्जशीट दाखिल हो चुका है।

    11 मई 2022 को गिरफ्तार हुईं थीं पूजा सिंघल

    मनरेगा घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अनुसंधान के दौरान ईडी ने तत्कालीन खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव पूजा सिंघल को 11 मई 2022 को गिरफ्तार किया था।

    राज्य सरकार ने अगले ही दिन उन्हें निलंबित कर दिया था। इससे पहले छह मई 2022 को पूजा सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के पास से ईडी ने 19.76 करोड़ रुपये नकदी की बरामदगी की थी।

    28 महीने की जेल के बाद वह सात दिसंबर 2024 को जमानत पर बाहर निकलीं थीं। ईडी ने इस केस में पूजा सिंघल से जुड़ी 82.77 करोड़ रुपये मूल्य की चार अचल संपत्तियां जब्त की थी।

    इनमें रांची के बरियातू रोड स्थित पल्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पल्स डायग्नोस्टिक एंड इमेजिंग सेंटर व दो भूखंड शामिल थे।

    ईडी ने इस मामले में पूजा सिंघल के अलावा उनके पति अभिषेक झा, चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार, खूंटी जिला परिषद के तत्कालीन कनीय अभियंता राम विनोद प्रसाद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जय किशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश के विरुद्ध चार्जशीट कर चुकी है।

    ईडी ने चार्जशीट में न्यायालय को बताया है कि चतरा, खूंटी व पलामू में डीसी के रूप में कार्यरत रहने के दौरान पूजा सिंघल के खाते में उनके वेतन से 1.43 करोड़ रुपये अधिक थे।

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