गृह मंत्री की बैठक में शामिल हुए हेमंत सोरेन, बोले- नक्सल विरोधी अभियान में झारखंड-केंद्र का बेहतर समन्वय
नई दिल्ली में अमित शाह की अध्यक्षता में आज बैठक बुलाई गई। इस बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए। बैठक के दौरान सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि नक्सल विरोधी अभियान में केंद्र-झारखंड के बीच बेहतर कोऑर्डिनेशन है और आगे भी को कोऑर्डिनेशन बना रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि हम मिलकर उग्रवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई जीतेंगे।
राज्य ब्यूरो, रांची। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शुक्रवार को नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की दिल्ली में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी शामिल हुए।
वामपंथ उग्रवाद की समीक्षा को लेकर आयोजित इस बैठक में मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से खनन कंपनियों पर एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये के बकाया का मुद्दा उठाया और उसे दिलाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि नक्सल विरोधी अभियान में राज्य व केंद्र के बीच समन्वय बना रहेगा। राज्य में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की प्रतिनियुक्ति जारी रखने की आवश्यकता है ताकि राज्य में नक्सल गतिविधियों की पुनरावृत्ति न हो।
सीएम ने गृह मंत्री से की ये मांग
उन्होंने यह भी आग्रह किया कि यहां आईजी और सीआरपीएफ की प्रतिनियुक्ति भी कम से कम तीन साल के लिए हो ताकि अभियान की निरंतरता बनी रही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से जनवरी 2022 से अगस्त 2023 तक कुल 762 नक्सलियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। 20 नक्सली पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इस अवधि में 37 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण भी किया है। फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए एक लाख से लेकर एक करोड़ रुपये तक की आकर्षक पुरस्कार राशि की घोषणा की गई है। वर्तमान में 91 फरार नक्सलियों पर पुरस्कार घोषित है।
भाकपा माओवादियों के पांच संगठनो पर हुई बड़ी कार्रवाई
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने भाकपा माओवादियों के पांच संगठनों को भी प्रतिबंधित किया है। जनवरी 2020 से अब तक अति नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 48 सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है। 129 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन का निर्माण हो चुका है।
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हेमंत सोरेन ने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि आठ थानों की निर्माण की प्रक्रिया चल रही है। इससे नक्सली गतिविधियां रूकी हैं। लोगों का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है।
झारखंड पड़ोसी राज्यों के आपसी समन्वय से नक्सल विरोधी अभियान चला रहा है। पड़ोसी राज्यों से बेहतर संबंध के लिए आपसी संवाद कायम रहता है और बैठकें भी होती हैं, ताकि ठोस रणनीति के तहत अभियान चलाया जा सके।
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