'हिंदू विरोधी है हेमंत सरकार', गिरिडीह घटना पर बाबूलाल मरांडी ने सरकार को घेरा, हर जिले में करेंगे विरोध
गिरिडीह जिले में होली के अवसर पर हुए उपद्रव पर भाजपा ने राज्य सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया है। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने घोड़थंबा में हिंदुओं को निशाना बनाने और उन्हें सांप्रदायिक हिंसा के बाद प्रशासन द्वारा भी परेशान किए जाने का आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पीड़ित परिवारों से गिरिडीह में मुलाकात की। भाजपा इसे लेकर जिलास्तर पर विरोध करने की तैयारी बना रही है।

राज्य ब्यूरो, रांची। गिरिडीह जिले में होली के अवसर पर हुए उपद्रव पर भाजपा ने राज्य सरकार पर तुष्टीकरण का आरोप लगाया है।
प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने घोड़थंबा में हिंदुओं को निशाना बनाने और उन्हें सांप्रदायिक हिंसा के बाद प्रशासन द्वारा भी परेशान किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि यह सरकार हिंदू विरोधी है।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी भाजपा में दोबारा वापसी के बाद पहली बार सक्रियता दिखाते हुए पीड़ित परिवारों से गिरिडीह में मुलाकात की।
झामुमो गठबंधन के नेताओं द्वारा इसे सांप्रदायिक राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जा रहा है। लेकिन भाजपा नेता इसे राज्य सरकार की तुष्टीकरण की नीति बता रहे हैं।
देवघर जिले के मधुपुर में एक मदरसे से सटे स्कूल भवन में मस्जिद की मीनार बनाए जाने का मुद्दा भी भाजपा नेता उठा रहे हैं। गोड्डा सांसद निशिकांत दूबे भी सक्रिय हुए हैं। उन्होंने हजारीबाग से लेकर गिरिडीह तक की घटना में बांग्लादेशी घुसपैठियों का हाथ बताया है।
जिला स्तर पर विरोध की बन रही रणनीति
भाजपा प्रदेश नेतृत्व की तरफ से राज्य में बढ़ रही सांप्रदायिक घटनाओं का जिला स्तर पर विरोध करने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है। विधानसभा सत्र के दौरान ही पार्टी इसका आयोजन करेगी।
चुनाव में मिली हार के बाद कार्यकर्ताओं को फिर से राजनीतिक तौर पर सक्रिय किया जाएगा। पार्टी अभी हेमंत सोरेन सरकार के विकास और जनकल्याण जैसे नीतिगत मुद्दों पर विरोध नहीं करेगी। तुष्टीकरण का आरोप लगाकर सरकार को घेरने का काम जारी रहेगा।
समाज को बांटने की भाजपा की साजिश सफल नहीं होगी - झामुमो
वहीं, दूसरी ओर गिरिडीह में होली के दौरान हुए उपद्रव पर चल रहे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने रविवार को भाजपा पर निशाना साधा।
केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के मुताबिक कानून-व्यवस्था को हाथ में लेने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
हिंसा फैलाने की साजिश को जिला प्रशासन ने नाकाम कर दिया, जिससे समाज में नफरत फैलाने की साजिश असफल हो गई। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी और भारतीय जनता पार्टी के लोग हर घटना पर राजनीतिक रोटी सेंकना चाहते हैं।
भाजपा जिस प्रकार के राजनीतिक चरित्र का प्रदर्शन कर रही है, वह बाबूलाल मरांडी के बयानों से उजागर हो रहा है। इन्हें राज्य में अमन-चैन पसंद नहीं है। इन्हें याद रखना चाहिए कि झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार में भोली-भाली जनता को उकसाने का प्रयास कभी सफल नहीं होगा।
भाजपा के लोग जनता को उकसाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। सांप्रदायिक मानसिकता रखने वालों के खिलाफ प्रशासन को कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि भाजपा लोगों को धर्म, जाति, समुदाय में बांटकर विद्वेष फैलाने के लिए साजिश रचने से बाज आने वाली नहीं है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कुशल नेतृत्व में राज्य प्रगति कर रहा है तो भाजपा को यह पच नहीं रहा है। भाजपा हर मामले को सांप्रदायिक चश्मे से देखती है।
चुनाव में जनता ने इनका सूपड़ा साफ कर दिया। राज्य के किसान, मजदूर, गरीब, आदिवासी, मूलवासी, महिलाओं, अल्पसंख्यक, पिछड़ों के विकास के लिए भाजपा के नेता कभी आगे नहीं आते।
ये सिर्फ और केवल पूंजीपति वर्ग पर केंद्रित राजनीति करते हैं। भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा पिछले विधानसभा चुनाव में बेनकाब हो चुका है।
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