Jharkhand: हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति को लेकर बड़ा अपडेट, हाईकोर्ट ने अभ्यर्थियों से बोला- वापस ले सकते हैं याचिका
हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में जेएसएससी की ओर से जारी मेरिज लिस्ट की जानकारी नहीं होने पर नियुक्ति से वंचित प्रार्थियों की अपील पर सोमवार को सुनवाई पूरी हो गई है। सुनवाई पूरी होने पर जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस संबंध में निर्मल पाहन एवं अन्य ने अपील याचिका दाखिल कर एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में हाईस्कूल शिक्षक नियुक्ति के लिए जारी मेरिट लिस्ट की जानकारी नहीं होने पर नियुक्ति से वंचित प्रार्थियों की अपील याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई।
प्रार्थियों की ओर से बहस पूरी कर ली गई है। इस दौरान अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि जेएसएससी की नियुक्ति नियमावली में प्रार्थियों को मेरिट लिस्ट की सूचना देने की बाध्यता नहीं है। ऐसे में प्रार्थी चाहे तो अपनी याचिका वापस ले सकते हैं। प्रार्थियों की ओर से कहा गया कि मामले में अंतिम आदेश पारित किया जाए।
इसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस संबंध में निर्मल पाहन एवं अन्य ने अपील याचिका दाखिल कर एकलपीठ के आदेश को चुनौती दी है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि सोनी कुमारी मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में मेरिट लिस्ट जारी की गई है।
आयोग ने जारी किया था नोटिस
आयोग ने इस संबंध में नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट कहा था कि मेरिट लिस्ट आयोग की वेबसाइट पर ही उपलब्ध रहेगी। प्रार्थियों ने आयोग की वेबसाइट नहीं देखी तो यह प्रार्थियों की गलती है।
प्रार्थियों की ओर से अदालत को बताया गया है कि वह सुदूर क्षेत्र में रहते हैं। मेरिट लिस्ट के संबंध में उन्हें किसी प्रकार की सूचना नहीं मिल सकी। इस कारण अंतिम रूप से चयनित होने के बाद भी वह अपना प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए समय पर उपलब्ध नहीं हो सके। यह उनके अधिकार का हनन है।
आयोग को विधिवत उन्हें जानकारी देनी चाहिए थी। जिलावार मेरिट लिस्ट के दौरान मेल और मैसेज से सूचना दी जाती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया।
झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा तैयार नियमावली के तहत हो नियुक्ति
वहीं रांची में दूसरी ओर झारखंड एनएसयूआई राज्य उपाध्यक्ष अमन अहमद ने रांची विश्वविद्यालय द्वारा नीड बेस्ड सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार को ज्ञापन सौंपा है।
उन्होंने बताया कि नीड बेस्ड सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर अभ्यर्थियों का शैक्षणिक दस्तावेज सत्यापन किया जा रहा है। नियुक्ति में यूजीसी की अर्हता संबंधी नियमावली का अक्षरश: अनुसरण किया जा रहा है जबकि यूजीसी ने स्वयं ही राज्य सरकार एवं राज्य विश्वविद्यालयों से कहा है कि अपने राज्य में संचालित विश्विद्यालय में सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति के लिए राज्य लोक सेवा आयोग नियुक्ति नियमावली बना सकती है
इसी नियमावली से नियुक्ति की जानी चाहिए। इसके तहत झारखंड लोक सेवा आयोग ने नियुक्ति नियमावली बनाई और अनुसरण के लिए राज्य सरकार को भेज दिया।
वर्तमान में झारखंड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों का पद रिक्त है, कई पदाधिकारियों का भी पद रिक्त है और स्थाई नियुक्ति नहीं हो रही है। इसलिए सरकार को अनुबंध आधारित नीड बेस्ड सहायक प्राध्यापक की नियुक्ति करनी पड़ रही है।
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