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    स्कूल टाइम में बालू ढो रहे थे गुरु जी, लोग बोले- बच्चों के भविष्य का क्या होगा? अब शिक्षा विभाग भी हुआ सख्त

    Updated: Tue, 28 Jan 2025 06:31 PM (IST)

    Jharkhand Education News पलामू के एक उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वे विद्यालय अवधि के दौरान साइकिल से बालू ढोते नजर आ रहे हैं। यह घटना शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त अनियमितताओं और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    संवाद सूत्र, तरहसी, (पलामू )। शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले विद्यालयों से अक्सर ऐसी खबरें आती हैं जो व्यवस्था की पोल खोलती हैं।

    इसी कड़ी में तरहसी प्रखंड के उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय परसाईं से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। विद्यालय के प्रधानाध्यापक रंजीत कुमार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

    इसमें वे विद्यालय अवधि के दौरान साइकिल से बालू ढोते नजर आ रहे हैं। यह घटना शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त अनियमितताओं और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है।

    जानें क्या है पूरा मामला?

    उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय परसाईं में शौचालय निर्माण कार्य चल रहा है। इस निर्माण कार्य के लिए सामग्री की व्यवस्था में प्रधानाध्यापक खुद संलग्न दिख रहे हैं।

    वायरल वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि प्रधानाध्यापक रंजीत कुमार साइकिल पर बालू लादकर ला रहे हैं। यह सब उस समय हो रहा था, जब विद्यालय में पठन-पाठन की प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए थी।

    स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक अक्सर शिक्षण कार्य छोड़कर अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं।

    कुछ अभिभावकों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि बच्चों की पढ़ाई पहले से ही प्रभावित हो रही है, और ऊपर से शिक्षक इस तरह के कार्यों में संलग्न होंगे तो शिक्षा का स्तर और गिर जाएगा।

    शिक्षा विभाग की भूमिका पर उठे सवाल

    • यह मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। विद्यालय अवधि में प्रधानाध्यापक का गैर-शैक्षणिक कार्यों में लिप्त होना नियमों का उल्लंघन है।
    • एक तो सरकारी विद्यालयों में पहले से ही शिक्षकों की कमी बनी हुई है, ऊपर से इस तरह की घटनाएं शिक्षा की गुणवत्ता पर और भी बुरा असर डालती हैं।
    • एक अभिभावक ने कहा कि हम अपने बच्चों को स्कूल इसलिए भेजते हैं ताकि वे कुछ सीख सकें, लेकिन जब शिक्षक खुद पढ़ाने की जगह बालू ढोने लगेंगे, तो बच्चों का भविष्य क्या होगा।

    दोषी प्रधानाध्यापक पर होगी कार्रवाई

    मामला तूल पकड़ने के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी सौरभ प्रकाश ने इस पर संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर प्रधानाध्यापक के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

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    छात्रा के साथ दुष्कर्म के प्रयास मामले में शिक्षक दोषी

    उधर, जमशेदपुर में अपर जिला व सत्र न्यायाधीश सिरिश दत्त त्रिपाठी की (विशेष कोर्ट पॉक्सो) अदालत ने बर्मामाइंस की नौ वर्षीय छात्रा के साथ दुष्कर्म के प्रयास मामले के आरोपित ट्यूशन टीचर सुरेंद्र कुमार को सोमवार को पॉक्सो की धारा दस के तहत दोषी करार दिया।

    मामले में छह लोगों की गवाही हुई थी। सजा के बिंदू पर अदालत बुधवार को सुनवाई करेगी। आरोपित मामले में जमानत पर था।दोषी करार होने पर अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेजने का आदेश दिया।

    बर्मामाइंस थाना में पांच जनवरी 2021 में शिक्षक के विरुद्ध छात्रा की मां की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पुलिस को बताया था कि पुत्री ट्यूशन पढ़ने भक्तिनगर बर्मामाइंस जाती थी।

    घटना के दिन उनके देवर पुत्री को ट्यूशन के लिए तीन बजे छोड़कर आए थे। शाम चार बजे ट्यूशन छुट्टी होने पर देवर ही घर लेकर आते थे।

    उस दिन 10-15 मिनट विलंब से पहुंचे। पुत्री को लेकर घर छोड़ा। पुत्री ने शिक्षक की गलत हरकत की जानकारी दी। इसके बाद थाना में शिकायत दी गई।

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