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    Indian Railway: खुशखबरी! कोडरमा-तिलैया के बीच दिसंबर से दौड़ेंगी ट्रेनें, 4 सुरंग और 7 पुल करेंगी पार

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 05:31 PM (IST)

    झारखंड व बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने वाला कोडरमा-तिलैया रेलखंड पर चार सुरंग व सात पुल से होकर गुजरेंगी ट्रेनें। यह यात्रियों को सुखद अहसास क ...और पढ़ें

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    कोडरमा-तिलैया रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन जल्द शुरू होने वाला है।

    संवाद सहयोगी, झुमरीतिलैया (कोडरमा)। झारखंड व बिहार के सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने वाला कोडरमा-तिलैया रेलखंड आने वाले दिनों में मील का पत्थर साबित होगा। इस रूट पर चार सुरंग व सात पुल से होकर गुजरने वाली ट्रेनें यात्रियों को सुखद अहसास कराएगी।

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    पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने उच्च स्तरीय बैठक कर कोडरमा-तिलैया राजगीर रेल लाइन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने समयसीमा में काम पूरा करने को लेकर मानिटरिंग करने के निर्देश दिए।

    बैठक में मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी निर्माण उत्तर रामजनम, मुख्य प्रशासनिक पदाधिकारी दक्षिण रामाश्रय पांडेय एवं निर्माण कंपनी राइटस के अधिकारीगण शामिल थे। करीब 1625 करोड़ की लागत से बन रहा 65 किलोमीटर लंबा कोडरमा-तिलैया रेलखंड दिसंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है।

    इसमें सुरंग, पुल और स्टेशनों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। रेलवे अधिकारी ने बताया कि अब तक 50 किलोमीटर रेल लाइन का काम पूर्ण हो चुका है।

    इसमें 350 मीटर, 305 मीटर, 255 मीटर व 250 मीटर की चार सुरंगें बन रही है। दिसंबर तक रेलमार्ग चालू होता है तो पर्यटकों के लिए बेहतर होगा। इस रेलखंड से राजगीर, नालंदा, पावापुरी व ककोलत जैसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल सीधे जुड जाएंगे।

    इस रेलखंड के शुरू होने से राजगीर, तिलैया, नवादा, बरही, कोडरमा जैसे क्षेत्रों के लोगों को रेलवे की बेहतर सुविधा मिलेगी। आम जनों के लिए इलाज, शिक्षा, रोजगार और व्यापार के रास्ते खुलेंगे।

    रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, निर्माण पूरा होते ही इस रेलखंड पर यात्री व मालगाड़ियां दोनों चलेंगी। यह रेलखंड बन जाने से राजगीर से रांची का सफर तीन से चार घंटे कम हो जाएगा।

    रेलवे ने इस रेलखंड में वाइल्डलाइफ कारिडोर बनाने की योजना बनाई है, ताकि हाथी व अन्य वन्यजीवों को सुरक्षित रास्ता मिल सके। रेलखंड के स्टेशन परिसर में नवादा व कोडरमा की लोक कलाओं व काष्ठ शिल्प की झलक दिखेगी।

    बजट में इस रेल लाइन के निर्माण के लिए 446.74 करोड़ का आवंटन किया गया है। वर्ष 2004 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार के समय इस परियोजना को स्वीकृति दी गई थी।

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