झारखंड विस के प्रभारी सचिव ने पहले स्नातक बाद में किया इंटर
विनय कुमार सिंह की शैक्षणिक योग्यता ही सवालों के घेरे में है, उन्होंने हायर सेंकेंडरी एग्जाम की बजाय सीधे ग्रेजुएशन की परीक्षा दी।
रांची, प्रदीप सिंह। झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाले की पोल परत दर परत खुल रही है। इसकी जद में विधानसभा के वर्तमान प्रभारी सचिव विनय कुमार सिंह भी आ चुके हैं। नियुक्ति प्रक्रिया में घालमेल के कारण जांच आयोग का शिकंजा उन पर भी कस रहा है। इस मामले में उन्हें तीन मई को आयोग के समक्ष तलब किया गया है।
दरअसल विनय कुमार सिंह की शैक्षणिक योग्यता ही सवालों के घेरे में है। जांच कमेटी को उपलब्ध उनके शैक्षणिक रिकार्ड के अनुसार महज 14 वर्ष की उम्र में उन्होंने 1975 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, पटना से मैट्रिक की परीक्षा पास की। मैटिकुलेशन के बाद उन्होंने हायर सेंकेंडरी एग्जाम की बजाय सीधे ग्रेजुएशन की परीक्षा दी। 1978 में वे मगध विश्वविद्यालय, बोधगया से ग्रेजुएट हो गए। इसके बाद 1979 में उन्होंने हायर सेकेंडरी की परीक्षा भी मगध विवि, बोधगया से पास की। ग्रेजुएशन के बाद हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास करना उन्हें सवालों के घेरे में खड़ा कर रहा है।
सीधी बात
आपने विस की नियुक्तियों की जांच करने के लिए बनी कमेटी को जो शैक्षणिक योग्यता प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया है, उस बारे में कुछ बताएंगे?
-कौन बोल रहे हैं? हम तो पटना में हैं अभी? क्या बताएं आपको?
आपके प्रमाणपत्र के मुताबिक आपने पहले ग्रेजुएशन किया, बाद में इंटरमीडिएट?
-हम अकेले थोड़े ही हैं जिसकी जांच चल रही है। सबसे पूछिए। सबका मामला चल रहा है आयोग में।'
आप अपनी शैक्षणिक योग्यता को लेकर उठने वाले सवाल पर कुछ नहीं बोलना चाहते?
-क्या परेशानी है? हमने सब कागज दे दिया है जांच आयोग को। उनको जो करना है करें। हमको कोई परेशानी नहीं है। चलिए फोन काटते हैं।
विस नियुक्ति घोटाला
-1976 में मैटिक, 1978 में ग्रेजुएशन और 1979 में पास की हायर सेकेंडरी'
-महज 14 साल की उम्र में पास कर ली थी मैट्रिक की परीक्षा
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