कर्ज में डूबे किसान ने कीटनाशक पीकर की आत्महत्या
कर्ज में डूबे किसान ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर दी। घटना रांची के बंगलाटोली गांव की है।
जागरण संवाददाता, अनगड़ा (रांची)। पहले से दस हजार का केसीसी ऋण उस पर से एक एकड़ खेत को बंधक रख महाजन से 1.90 लाख रुपये कर्ज लेना किसान बलदेव महतो (42 वर्ष) को महंगा पड़ा। खेत को बंधक पर रख देने व कर्ज के बोझ तले तनाव में उसने शुक्रवार को कीटनाशक दवा पी आत्महत्या कर ली। कीटनाशक दवा पीने के बाद परिजन गंभीर स्थिति में बलदेव को इलाज के लिए रिम्स ले गए, जहां इलाज के दौरान शुक्रवार की देर रात उसने दम तोड़ दिया।
मामला रांची के अनगड़ा थाना क्षेत्र के पैका बंगलाटोली गांव का है। शनिवार को बलदेव का अंतिम संस्कार पैका स्थित राढ़ू नदी किनारे मुक्तिधाम में कर दिया गया। बदलदेव के परिवार में पत्नी लगन देवी (35 वर्ष), शादीशुदा पुत्री गीता (20 वर्ष) पुत्र रवि महतो (13 वर्ष) व पुत्री सुषमा कुमारी (9 वर्ष) हैं। रवि महतो पैका के ग्राम विकास उच्च विद्यालय पैका जरगा में कक्षा 9वीं का छात्र है। जबकि, सुषमा मिडिल स्कूल पैका में कक्षा छह की छात्रा हैं।
इस संबंध में बलदेव की पत्नी लगन देवी ने बताया कि बलदेव शुक्रवार को खेत में कीटनाशक का छिड़काव करने गए हुए थे। शाम में घर लौटने पर उन्हें उल्टियां होने लगीं और वे बेहोश हो गए। गंभीर स्थिति में इलाज के लिए उन्हें रिम्स ले आए, जहां देर रात उनकी मौत हो गई। इधर, घटना की जानकारी मिलते ही कुरमी विकास मोर्चा के केंद्रीय सचिव रामपोदो महतो रिम्स पहुंचे एवं शव का पोस्टमार्टम कराकर घर भेजने की व्यवस्था कराई।
दूसरी ओर अनगड़ा थानेदार रामबाबू मंडल ने बताया कि बलदेव अपने खेत में लगी धान की फसल में कीटनाशक दवा का छिड़काव कर रहा था। इस दौरान उसने कपड़े से मुंह नहीं बांधा था। संभावना है इसी दौरान हवा के झांके से कीटनाशक उसके शरीर में चला गया, जो उसकी मौत का कारण बना। फिलहाल मामले की छानबीन की जा रही है।
मामले की हो रही छानबीन :
बीडीओ शनिवार शाम अनगड़ा बीडीओ संध्या मुंडू पीडि़त परिवार से मिलने पैका पहुंचीं। इधर, शनिवार को दिनभर कोई भी प्रशासनिक पदाधिकारी गांव नहीं पहुंचा था। बीडीओ संध्या मुंडू ने बताया कि मामले की छानबीन की जा रही है। बलदेव की मौत कैसे हुई, इस बारे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता हैं।
बेटी की शादी के लिए जमीन बंधक रख लिए थे रुपये
पैका के उपमुखिया जितेंद्र महतो सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि बलदेव आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे। कर्ज को लेकर कुछ दिनों से परेशान थे। बैंक ऑफ इंडिया से केसीसी पर 10 हजार का कर्ज बलदेव पर दो लाख रुपये का कर्ज था। दस हजार रुपये उसने कृषि कार्य के लिए बैंक ऑफ इंडिया की टाटीसिलवे शाखा से लिया था। बलदेव के नाम पर कुल करीब दो एकड़ जमीन है। एक वर्ष पूर्व बलदेव ने अपनी पुत्री गीता की शादी की थी।
इस दौरान उसने एक एकड़ खेत को बंधक रखकर 1.90 लाख रुपये का कर्ज गांव के साहूकारों से सूद पर लिया था। खेती और टेंपो चलाकर वह अपने परिवार का भरण पोषण करता था। इसी बीच कई बार उसकी टेंपो दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी थी, इससे तंग आकर छह माह पूर्व उसने टेंपो बेच दी थी। इससे उसकी आर्थिक स्थिति और खराब हो गई थी। महाजन लगातार कर्ज चुकाने का दबाव बना रहे थे। इससे वे परेशान रहते थे।
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