Jharkhand News: रांची में SIT का बड़ा एक्शन, बैंक मैनेजर के सहयोगी के पास से बरामद किए 60 लाख रुपये
बिजली बोर्ड व पर्यटन निगम के सरकारी खातों से 107 करोड़ रुपये की हेराफेरी मामले में जांच लगातार जारी है। एसआइटी ने इस मामले में दो अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया है साथ ही 60 लाख रुपये भी बरामद किए गए हैं। इस मामले में अब तक 47 करोड़ 96 लाख 38 हजार रुपये विभिन्न खातों में फ्रीज किए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। बिजली बोर्ड व पर्यटन निगम के सरकारी खातों से 107 करोड़ रुपये की हेराफेरी मामले की जांच कर रही सीआइडी की एसआइटी ने दो अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया है। डीजीपी के आदेश पर आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस) के एसपी ऋषभ कुमार झा के नेतृत्व वाली एसआइटी ने दो और लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इसके साथ ही 60 लाख रुपये भी बरामद किए हैं।
- पूर्व में गिरफ्तार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया बिरसा चौक शाखा के शाखा प्रबंधक लोलस लकड़ा की निशानदेही पर उनके सहयोगी के ठिकाने से 60 लाख रुपये नकदी की बरामदगी की है।
- सहयोगी लाखन यादव डोरंडा थाना क्षेत्र में काठपुल के समीप नया बस्ती कडरू का निवासी है। एसआइटी ने 20 जनवरी को उसे गिरफ्तार करते हुए उसके आवास से 60 लाख रुपये नकदी की बरामदगी की है।
- एसआइटी ने पूर्व में गिरफ्तार लोकेश्वर शाह की निशानदेही पर विभिन्न बैंकों में 76 लाख 38 हजार रुपये फ्रीज किया है।
गौरतलब है कि रांची के धुर्वा थाने में दर्ज कांड को टेकओवर करते हुए सीआइडी ने चार अक्टूबर 2024 को प्राथमिकी दर्ज की थी।
यह प्राथमिकी झारखंड स्टेट इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज मास्टर ट्रस्ट के वरीय प्रबंधक वित्त एवं लेखा के आवेदन पर दर्ज की गई थी। इसमें उन्होंने शिकायत की थी कि अपराधियों ने फर्जी खाता के माध्यम से 56 करोड़ 50 लाख रुपये की निकासी की थी।
इसके बाद पर्यटन निगम के खाते से भी निकासी का मामला सामने आया था। कुल मिलाकर करीब 107 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी का मामला सामने आ चुका है।
बिहार के सिवान जिले से गिरफ्तार हुआ है दूसरा आरोपित श्रवण कुमार शर्मा
एसआइटी ने इस केस में दूसरे आरोपित श्रवण कुमार शर्मा को 16 जनवरी को बिहार के सिवान जिले के बसंतपुर थाना क्षेत्र बड़कागांव स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया है। उसके माध्यम से अपराध में प्रयुक्त मोबाइल व सिमकार्ड को बरामद किया गया है।
अब तक सात आरोपित हो चुके हैं गिरफ्तार
107 करोड़ की हेराफेरी के इस मामले में सीआइडी ने चार कांडों को दर्ज किया है, जिसकी जांच एसआइटी कर रही है। एसआइटी ने अनुसंधान के क्रम में लगभग 47 करोड़ 96 लाख 38 हजार रुपये विभिन्न खातों में फ्रीज किया है।
नोट गिनने के लिए मंगाई गई थी मशीन।
अब तक इस केस में सात आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं। वहीं, एसआइटी ने अब तक करीब एक करोड़ 83 लाख 20 हजार 300 रुपये नकदी बरामद की है। वहीं, 16 लाख 70 हजार रुपये के गहनों की बरामदगी की है।
जिन्हें पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है, उनमें जेटीडीसी के तत्कालीन लेखापाल सह कैशियर गिरजा प्रसाद सिंह, केनरा बैंक हटिया के तत्कालीन शाखा प्रबंधक अमरजीत कुमार, साजिशकर्ता बोकारो के रूद्र सिंह उर्फ समीर कुमार, रांची के डिबडिह निवासी लोकेश्वर साह उर्फ लोकेश, रांची के बिरसा चौक स्थित सेंट्रल बैंक आफ इंडिया शाखा के प्रबंधक लोलस लकड़ा व इलाहाबाद बैंक के अमर कुमार का नाम शामिल हैं।
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