Jharkhand Politics: पुरानी गलतियों से सीख रही कांग्रेस, मिशन पर लगे 4 मंत्री; ग्राउंड जीरो पर काम शुरू
झारखंड में कांग्रेस मंत्रियों ने जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत करने के लिए जनता दरबार लगाना शुरू कर दिया है। इन कार्यक्रमों में भ्रष्टाचार के आरोपों पर अधिकारियों को फटकार लगाई जाती है और कांग्रेस कार्यकर्ता जनता के काम भी पूरे कराने की कोशिश करते हैं। इस पहल से पार्टी को जनता के बीच सीधे पहुंच बनाने में मदद मिल रही है।

आशीष झा, रांची। झारखंड में पांच साल सत्ता में सहभागी रहने के बावजूद जो लाभ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) को मिला, वह कांग्रेस को नहीं। झामुमो विधायकों की संख्या आधा दर्जन से अधिक बढ़ी, लेकिन कांग्रेस के कई विधायक प्रत्याशी निशाना चूक गए। अब एक बार फिर कांग्रेस अपनी टीम को मजबूत करने के प्रयासों में जुट गई है।
इसके तहत सभी मंत्रियों को नियमित तौर पर जनता दरबार लगाने का निर्देश दिया गया है। इन कार्यक्रमों में जहां भ्रष्टाचार के आरोपों पर अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई जाती है, वहीं कांग्रेस के कार्यकर्ता जनता का काम भी पूरा कराने की कोशिश करते हैं।
जनता के बीच पहुंच रहे मंत्री
इसके माध्यम से पार्टी का प्रचार-प्रसार तो हो ही रहा है, जनता के बीच सीधे पहुंच बन रही है। इन कार्यक्रमों का पूरा लाभ कांग्रेस को ही मिले, इसके लिए कांग्रेस कार्यालय, मंत्रियों के आवास और दफ्तरों को केंद्र बनाकर काम किया जा रहा है। इसका लाभ फिलहाल भविष्य के गर्भ में छिपा है।
कांग्रेस का नया प्लान
- कांग्रेस कोटे के मंत्रियों ने जनता दरबार को अधिक गंभीरता से लिया है और नियमित आयोजन भी हो रहा है।
- दीपिका पांडेय सिंह, डॉ. इरफान अंसारी, राधाकृष्ण किशोर आदि नेता जनता दरबार का आयोजन कर चुके हैं।
- कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की नियमित समीक्षा कार्यक्रमों के माध्यम से जनता के बीच अपनी पैठ बनाने में कामयाब होती दिख रहीं हैं।
- शिल्ही नेहा तिर्की के निर्देशों की चर्चा समाचार पत्रों के माध्यम से आम जनों के बीच भी हो रही है।
पहले की अनदेखी, अब कर रहे पूरा फोकस
पार्टी नेतृत्व ने सभी विधायकों और मंत्रियों को इस तरह के संदेश पिछली बार भी दिया था, लेकिन कहीं न कहीं इस निर्देश की अनदेखी की गई थी। मंत्रियों ने संगठन के साथ-साथ कार्यकर्ताओं से भी दूरी बना ली थी और इसका नतीजा यह रहा कि पार्टी नेतृत्व को दो मंत्रियों को बदलना पड़ा।
सीनियार मंत्री गए जेल, नंबर दो पर ED की रेड
पिछले पांच वर्षों के शासनकाल में कांग्रेस के इस कड़े फैसले का नतीजा सबके सामने है। पिछले पांच वर्षों में कांग्रेस के प्रदर्शन का आकलन किया जाए तो पार्टी के सबसे सीनियर मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गए, नंबर दो पर ईडी की रेड हुई, लेकिन कार्रवाई नहीं।
उन्हें इस चुनाव में जीत भी मिली, लेकिन मंत्रिपरिषद में मौका नहीं। दो मंत्री चुनाव हार गए। पिछले कार्यकाल में जिन दो मंत्रियों को पार्टी ने दोबारा मौका दिया, वो जीत गए और यह साबित हुआ की पार्टी की रणनीति काम कर रही है। अब पार्टी नए मंत्रियों को पार्टी को लेकर आगे बढ़ने का जिम्मा है।
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