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    Jharkhand: सीएम सोरेन ने शिक्षकों के 50 घंटे किए फिक्स, नए टास्क के लिए 28945 प्रिंसिपल को बांटे टैब

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची में सरकारी विद्यालयों को टैबलेट वितरित करते हुए कहा कि डिजिटल सेवाओं में तेजी से बदलाव हो रहा है और बच्चों को डिजिटल रूप से मजबूत बनाना आवश्यक है। हमारी सरकार इस दिशा में अब जुट चुकी है। उन्होंने विद्यालय रिपोर्ट कार्ड और शिक्षकों के 50 घंटे का अनिवार्य समेकित-सतत क्षमता विकास कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया।

    By Neeraj Ambastha Edited By: Piyush Pandey Updated: Fri, 28 Feb 2025 07:36 PM (IST)
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    टैब वितरित करते झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन। (फोटो एक्स हैंडल)

    राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालयों के लिए टैब वितरण को लेकर प्रोजेक्ट भवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित भी किया।

    मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार बच्चों को डिजिटल रूप से मजबूत करने के अभियान में जुट गई है। इसी कड़ी में प्राथमिक विद्यालयों को टैबलेट उपलब्ध कराने के साथ एक नए अध्याय की शुरुआत हो रही है। इससे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में मदद मिलेगी।

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    इस अवसर पर उन्होंने 28,945 प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को टैब वितरित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने गुणवत्तायुक्त शिक्षा संवर्धन हेतु विद्यालय रिपोर्ट कार्ड एवं शिक्षकों के लिए 50 घंटे का अनिवार्य समेकित-सतत क्षमता विकास कार्यक्रम का भी ऑनलाइन शुभारंभ किया।

    इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कोई भी ऐसा सेक्टर नहीं बचा है जो डिजिटलाजेशन से अछूता हो। हर दिन डिजिटल सेवाएं अपग्रेड भी हो रही है। ऐसे में हम चाहें या ना चाहें, डिजिटल प्लेटफार्म से अपने को अलग नहीं रह सकते हैं। जब हम डिजिटल फ्रेंडली होंगे, तभी आगे बढ़ सकेंगे।

    डिजिटल माध्यम से होंगे काम

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों को टैब मिलने से वहां उपस्थिति से लेकर सभी रिपोर्टिंग कार्य डिजिटल माध्यम से होंगे।

    वहीं, उनका प्रयोग बच्चों के पठन-पाठन, शिक्षकों के प्रशिक्षण, अनुश्रवण, बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने से संबंधित कार्यों की निगरानी आसान हो जाएगी और उसके आधार पर शिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाने में काफी मदद मिलेगी।

    उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा व्यवस्था का व्यापक पैमाने पर डिजिटाइजेशन हो चुका है। स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज चल रहे हैं। डिजिटल शैक्षिक सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है।

    ऑनलाइन कोचिंग क्लासेज चल रहे हैं। ऐसे में अगर हमारे बच्चे डिजिटल फ्रेंडली नहीं होंगे तो उनके आगे की राह आसान नहीं होगी।

    इस मौके पर शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन, मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के शशि रंजन आदि उपस्थित थे।

    मोबाइल में सिमटी है दुनिया

    मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मोबाइल में सारी दुनिया सिमट गई है। अब किसी को न ताे पर्स लेकर चलने की जरूरत है और न ही कैश। लेकिन हर चीज की सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं। मोबाइल फोन भी इससे अछूता नहीं है, लेकिन यह हम पर निर्भर करता है कि इसका इस्तेमाल किस रूप में करते हैं।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के होनहार बच्चों को सरकार विभिन्न माध्यम से प्रोत्साहित कर रही है, ताकि वे आगे बढ़ सकें। आज जैक के साथ सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड के टॉपर्स को प्रोत्साहन राशि के साथ लैपटाप और मोबाइल फोन दिया जा रहा है।

    वहीं, राज्य सरकार अपने खर्चे पर यहां के गरीब और होनहार विद्यार्थियों को विदेश में पढ़ने का मौका दे रही है।

    पंचायतों में नेटवर्क कनेक्टिविटी को किया जाएगा मजबूत

    मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में डिजिटल सेवाओं के प्रभावित होने की बात बार-बार सामने आती है। डिजिटल कनेक्टिविटी की समस्या से तमाम प्रकार के कार्यों एवं सेवाओं में बाधा उत्पन्न होती है, जिससे लोगों को काफी परेशानियां होती है।

    ऐसे में सरकार सभी पंचायतों में मोबाइल टावर स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाएगी, ताकि डिजिटल माध्यम से होने वाले सभी सरकारी कार्य सुचारू, सरल एवं सुविधाजनक तरीके से संचालित हो सके।

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