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    Makar Sankranti 2025 Date: 14 या 15 जनवरी... कब है मकर संक्रांति? सूर्य मंत्र और शुभ मुहूर्त भी जानें

    Updated: Fri, 10 Jan 2025 04:30 PM (IST)

    मकर संक्रांति का पर्व इस साल 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे और खरमास समाप्त हो जाएगा। मकर संक्रांति के दिन स्नान दान और पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्य मंत्र का जाप करने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है। स्नान-दान के लिए भी यह पर्व शुभ फलदायी माना गया है।

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    14 या 15... इस साल कब है मकर संक्रांति?

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। इस साल मकर संक्रांति का पर्व मंगलवार 14 (Makar Sankranti Date 2025) जनवरी को मनाया जाएगा। तीन साल बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति का संयोग बन रहा है। वर्ष 2024, वर्ष 2023 व 2022 में श्रद्धालुओं ने 15 जनवरी को संक्रांति पर्व मनाया था। वहीं, वर्ष 2021 में संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को पड़ा था।

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    पंचांग के अनुसार, भगवान सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी को दिन के 2:58 बजे प्रवेश कर जाएंगे। इसी के साथ खरमास (Kharmas Kab Khatam Hoga) भी समाप्त हो जाएगा। इसी दिन मकर संक्रांति का पुण्य काल दिनभर रहेगा। पूजा का समय सुबह 7:02 बजे के बाद आरंभ हो जाएगा। स्नान-दान के लिए यह पर्व शुभ फलदायी माना गया है।

    ज्योतिषाचार्य संकेत श्रवण। जागरण

    ज्योतिषाचार्य संकेत श्रवण ने कहा कि मकर संक्रांति से ही भगवान सूर्य दक्षिणायन से उतरायण हो जाएंगे। इस बार भौम पुष्य नक्षत्र के साथ स्थिर योग के शुभ संयोग में मकर संक्रांति मनाई जाएगी। इस दिन चंद्र व मंगल की युति से महालक्ष्मी योग का निर्माण हो रहा है। पुनर्वसु नक्षत्र सुबह 10:27 बजे तक रहेगा। इसके बाद पुष्य नक्षत्र का प्रवेश हो जाएगा। इस तरह दोनों नक्षत्रों का संयोग बन रहा है।

    संक्रांति के दिन सूर्य मंत्र का करें जाप, मिलेगा लाभ

    मकर संक्रांति के दिन दान व संक्रांति के दिन स्नान के बाद सूर्य मंत्र ''ॐ घृणि सूर्याय नमः, ॐ भास्कराय नमः'' का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है।

    इसके अलावा, आदित्य हृदय स्तोत्र व सूर्य चालीसा के पाठ का भी लाभ मिलता है। इस दिन ऊनी वस्त्र, कंबल, धार्मिक पुस्तकें, खासकर पंचांग का दान करना पुण्य फलकारक माना गया है।

    स्नान से शुभ फलों की प्राप्ति

    मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान व दान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

    यह त्योहार फसल के आगमन का भी प्रतीक है। माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा करने से जीवन में आने वाली हर समस्या से छुटकारा मिलता है। जीवन में सकारात्मक ऊर्जा औ खुशहाली बनी रहती है।

    जनवरी में 10 तो फरवरी में 19 दिन हैं विवाह के मुहूर्त

    16 दिसंबर 2024 से चल रहा खरमास 14 जनवरी को खत्म हो जाएगा। इसके बाद सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे।

    ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, 16 जनवरी से विवाह का लग्न भी शुरू हो जाएगा। जनवरी से जून तक प्रत्येक माह लग्न का दिवस है।

    • जनवरी माह में 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 26 व 27 को लग्न है।
    • फरवरी में 1, 2, 3, 6, 7, 8, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23 व 24 को विवाह का मुहूर्त है।

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