Aman Sahu: गैंगस्टर अमन साहू का भाई भी कुख्यात क्रिमिनल, आतंकवादियों से कनेक्शन के गंभीर आरोप
Aman Sahu Encounter गैंगस्टर अमन साहू के एनकाउंटर के बाद अब उसके श्राद्ध कर्म की तैयारी की जा रही है। इस श्राद्ध कर्म से पहले एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि अमन साहू के भाई आकाश साहू को श्राद्ध कर्म में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलेगी। बता दें कि अमन साहू द्वारा पुलिस पर फायरिंग के बाद एनकाउंटर कर दिया गया था।

राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News: पुलिस एनकाउंटर में ढेर हुए अपराधी अमन साहू के श्राद्धकर्म में जेल में बंद उसका भाई आकाश कुमार नहीं जा सकेगा। एनआईए के विशेष न्यायाधीश एमके वर्मा की अदालत ने सोमवार को उसकी ओर से श्राद्धकर्म में शामिल होने के लेकर दाखिल औपबंधिक जमानत याचिका सुनवाई के बाद खारिज कर दी है।
अमन साहू के मारे जाने के बाद 11 मार्च को भाई के श्राद्धकर्म में शामिल होने के लिए उसने 13 दिनों की औपबंधिक जमानत की मांग की थी।
आकाश साहू पर भी आतंकी कनेक्शन के आरोप
आकाश साहू वर्तमान में एनआईए से जुड़े मामले में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में है। एनआइए ने उसे छह अगस्त 2024 को गिरफ्तार किया था। उसपर टेरर फंडिंग के पैसे से फार्च्यूनर कार खरीदने का आरोप है।
अमन साहू को रांची लाए जाने के दौरान कर दिया गया था एनकाउंटर
बता दें कि कोर्ट के आदेश पर पेशी के लिए रायपुर से रांची लाया जा रहे अमन साहू को पलामू के चैनपुर थाना क्षेत्र में एनकाउंटर कर ढेर कर दिया गया।
अमन साहू के परिवार में कौन-कौन है?
बता दें कि अमन साहू का शुरुआती जीवन पतरातू में बीता था। अमन तीन भाइयो में दूसरे नंबर पर था। अमन ने पतरातू से ही इंटर की पढ़ाई की थी। अमन के दादा हरिदास साव मतवे में खेती-बाड़ी करते थे। बड़ा भाई गोलू इंजीनियर है जबकि छोटा भाई आकाश टेरर फंडिंग के आरोप में जेल में है।
शुरुआती दिनों में अमन साव इंटर करने के बाद पतरातु में मोबाइल दुकान खोला जहां दुकानदारी के दौरान वह सुशील श्रीवास्तव गिरोह के संपर्क में आया।
शुरू से बड़े सपने देखने वाला अमन साव कुख्यात सुशील श्रीवास्तव गिरोह के लिए काम करते करते क्षेत्र में अपना पकड़ बना लिया। इसके बाद अपना गिरोह बनाकर काम करने लगा।
सुशील श्रीवास्तव और भोला पांडेय गिरोह की दबिश बढ़ने पर अमन पूरे परिवार के साथ मतवे आ गया। मतवे में भी अमन के पिता ने किराने की दुकान खोल ली। अमन का नानी घर बुंडू में है। वहीं अमन साहू के एनकाउंटर के बाद 22 घंटे तक परिवार का कोई सदस्य उसका शव लाने नहीं गया था। हालांकि, बाद में उसका चचेरा भाई शव लेने पहुंचा था। पोस्टमार्टम के बाद उसे अमन साहू का शव सौंप दिया गया था।
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