कौन हैं अमन साहू को ढेर करने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह, जानिए पहले कब-कब दिखाया सिंघम अवतार?
झारखंड पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह के नेतृत्व में उनकी टीम ने गैंगस्टर अमन साहू को मार गिराया। अमन साहू को रायपुर जेल से रांची लाया जा रहा था तभी उसके गिरोह के सदस्यों ने पुलिस टीम पर हमला कर दिया। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में अमन साव मारा गया जबकि एक पुलिसकर्मी घायल हुआ। अमन साहू का आतंक झारखंड में काफी बढ़ गया था।

जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। Jharkhand News: झारखंड पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह की टीम के हाथों गैंगस्टर अमन साहू मारा गया। पीके सिंह उर्फ प्रमोद कुमार सिंह झारखंड पुलिस के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में जाने जाते हैं। जो वर्तमान में झारखंड एटीएस में डीएसपी के पद पर हैं।
उनको गैंगस्टर अमन साहू (Aman Sahu Encounter) को रायपुर जेल से रांची लाने की जिम्मेदारी दी गई थी। वह अपने तीन वाहनों के काफिला के साथ रायपुर जेल से अमन साहू को लेकर पलामू के लिए रवाना हुए। वहां से रांची आने के दौरान अमन साव गिरोह के सदस्यों ने एटीएस की टीम पर हमला कर अमन साव को छुड़ाने की कोशिश की।
इस हमले में एटीएस की जवाबी कार्रवाई में अमन साहू मारा गया। जबकि एटीएस के एक हवलदार राकेश कुमार घायल हुए, जिसको एमएमसीएच में प्राथमिक उपचार कर छोड़ दिया गया।
कब-कब दिया एनकाउंटर को अंजाम
पीके सिंह उर्फ प्रमोद कुमार सिंह 1994 बैच के सब इंस्पेक्टर रहे हैं। पलामू जिले के चैनपुर थाना में थाना प्रभारी के पद पर रहने के दौरान पीके सिंह ने साल 2004 में लूटपाट के लिए मशहूर मंगरदाहा घाटी में सड़क लुटेरों का एनकाउंटर किया था। वह सिविल ड्रेस में ट्रक के उपर बैठकर गए थे। जहां से उन्होंने सड़क लुटेरों को मार गिराया था। उसके बाद उनके रहने के दौरान मंगरदाहा घाटी में लूटपाट की घटना नहीं हुई।
लातेहार में भी एक नक्सली को एनकाउंटर में मारा था
उन्होंने लातेहार जिला अंतर्गत बरवाडीह के मंडल के इलाके में एक नक्सली को एनकाउंटर में मारा था। नक्सली का एनकाउंटर करने के बाद अपने बुलेट से ही शव को लेकर थाना पहुंचे थे। उनके कार्यकाल में चैनपुर थाना क्षेत्र के अपराधियों के साथ-साथ नक्सली घटनाएं थम सी गई थी।
यही कारण है कि उनका तबादला होने के विरोध में चैनपुर थाना क्षेत्र के जनता ने कोयल नदी पुल को जाम करने के साथ-साथ एक दिन का बंद रखा था।
इतना ही नहीं, धनबाद बैंक मोड़ थाना में प्रभारी रहने के दौरान साल 2022 में मुथूट फाइनेंस में डकैती की कोशिश हुई थी। तब पीके सिंह ने अकेले ही अपराधियों का एनकाउंटर किया था।
इस घटना में सभी अपराधी मारे गए थे। यह मुठभेड़ काफी चर्चित हुई थी। पीके सिंह को उनकी बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार के साथ-साथ मुख्यमंत्री पदक भी मिल चुका है।
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