Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Aman Sahu Education: कितना पढ़ा लिखा था गैंगस्टर अमन साहू, परिवार में कौन-कौन है? जानिए सबकुछ यहां

    Updated: Wed, 12 Mar 2025 03:53 PM (IST)

    कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू के एनकाउंटर के बाद से अब कई खुलासे भी हो रहे हैं। आज हम आपलोगों को अमन साहू की पढ़ाई से लेकर पूरे परिवार की जानकारी देंगे। वहीं इन सबके बीच पलामू पुलिस ने यह बताया है कि एनकाउंटर के बाद सबसे पहला फोन किसे गया था। अमन साहू के पिता ने बेटे के एनकाउंटर पर क्या कहा।

    Hero Image
    अमन साहू की क्वालिफिकेशन कितनी थी (जागरण)

    संवाद सूत्र, बुढ़मू (पलामू)। Aman Sahu Education: पलामू में अमन साहू का एनकाउंटर होने के बाद पलामू पुलिस ने अमन के पिता निरंजन साव को फोन कर कहा कि अमन की मौत हो गई है। घर के लोग पलामू कब पहुंच रहे हैं। इस पर पिता ने पुलिस से कहा कि जो करना था वो तो पुलिस ने कर दिया अब पलामू आकर क्या करें।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पिता को पुलिस से पहले सोशल मीडिया पर जानकारी मिल गई थी

    पिता ने बताया कि पुलिस के बताने से पहले उन्हें सोशल मीडिया से जानकारी मिल गई थी कि अमन का एनकाउंटर कर दिया गयाहै। अमन साव की मौत के बाद बुढ़मू के मतवे स्थित उसके घर में मातमी सन्नाटा पसर गया। अमन साव के पिता निरंजन साव का किराना का दुकान है।

    बेटे की मौत की खबर मिलने के बाद पिता दुकान नहीं गए। अमन की मां समेत स्वजनों का रो रोकर बुरा हाल था।स्वजन किसी से भी बात नहीं कर रहे थे। अमन के पिता का कहना था कि जबतक उसके अधिवक्ता नहीं आ जाते तबतक वह कोई बयान नहीं देंगे।

     अमन ने इंटर तक की थी पढ़ाई, बड़ा भाई इंजीनियर

    Aman Sahu Education: अमन साव का आरंभिक जीवन पतरातू में बीता था। अमन तीन भाइयो में दूसरे नंबर पर था। अमन की इंटर तक की शिक्षा पतरातू से ही हुई थी। अमन के दादा हरिदास साव मतवे में खेती-बाड़ी करते थे।

    बड़ा भाई गोलू इंजीनियर है जबकि छोटा भाई आकाश टेरर फंडिंग के आरोप में जेल में है। शुरुआती दिनों में अमन साव इंटर करने के बाद पतरातु में मोबाइल दुकान खोला जहां दुकानदारी के दौरान वह सुशील श्रीवास्तव गिरोह के संपर्क में आया।

    शुरू से बड़े सपने देखने वाला अमन साव कुख्यात सुशील श्रीवास्तव गिरोह के लिए काम करते करते क्षेत्र में अपना पकड़ बना लिया। इसके बाद अपना गिरोह बनाकर काम करने लगा। सुशील श्रीवास्तव और भोला पांडेय गिरोह की दबिश बढ़ने पर अमन पूरे परिवार के साथ मतवे आ गया। मतवे में भी अमन के पिता ने किराने की दुकान खोल ली। अमन का नानी घर बुंडू में है।

    बुढ़मू में कभी सक्रिय नहीं रहा अमन

    पतरातु से बुढमू आने के बाद अमन मोस्ट वाटेंड बन गया। अमन का नाम इंटरनेशनल गैंगस्टर लारेंस विश्नोई के साथ भी जोड़ा जाने लगा। इसके बावजूद बुढ़मू क्षेत्र में उसका प्रभाव कभी नहीं रहा।

    कभी माओवादी तो कभी टीपीसी के गढ़ वाले बुढ़मू क्षेत्र में अमन का नाम टीपीसी से सांठगांठ में कभी कभी जरूर उछला लेकिन अमन ने बुढ़मू क्षेत्र में किसी से रंगदारी नहीं मांगा।

    ये भी पढ़ें

    कौन हैं अमन साहू को ढेर करने वाले एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पीके सिंह, जानिए पहले कब-कब दिखाया सिंघम अवतार?

    Aman Sahu Encounter: एनकाउंटर में मारा गया गैंगस्टर अमन साहू, पुलिस पर फायरिंग कर हो रहा था फरार