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    'सूर्या हांसदा का एनकाउंटर नहीं मर्डर हुआ है', बाबूलाल मरांडी ने पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 07:47 AM (IST)

    भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बोरियो के आदिवासी नेता सूर्या हांसदा की हत्या की सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ पुलिसकर्मी अपराधियों को बढ़ावा दे रहे हैं। मरांडी ने डीजीपी अनुराग गुप्ता को अवैध रूप से पद पर बनाए रखने के लिए सरकार की आलोचना की और योग्य पुलिस अधिकारियों के नुकसान की बात कही है।

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    बाबूलाल मरांडी ने लगाया आरोप। (फोटो जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को आरोप लगाया कि बोरियो के आदिवासी नेता सूर्या हांसदा का एनकाउंटर नहीं बल्कि मर्डर किया गया है।

    उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा की पत्नी और मां लगातार पुलिस पर आरोप लगा रही हैं उनका मर्डर किया गया है। उनकी बस एक ही मांग है कि इस कृत्य की सीबीआई से जांच कराई जाए।

    मरांडी ने मुख्यमंत्री से कहा है कि सीबीआई से नहीं तो हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में इसकी जांच कराएं। सच सबके सामने आना चाहिए, क्योंकि पुलिस का यह कृत्य किसी को भी पच नहीं रहा है।

    मरांडी ने कहा कि आदिवासी नेता को अपराधी बनाना हो या निर्दोष को दोषी साबित करना हो, पैसे लेकर जमीन पर कब्जा कराना हो या माफियाओं को सरेआम आतंक करने की खुली छूट देना हो, इन सारे कार्यों का जिम्मा झारखंड पुलिस में शामिल कुछ लोगों ने ले रखा है।

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    अनुराग गुप्ता को गलत तरीके से डीजीपी के पद पर बिठाया गया

    राज्य पुलिस सेवा से भारतीय पुलिस सेवा में प्रोन्नति के लिए संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) में मंगलवार को प्रस्तावित बैठक डीजीपी अनुराग गुप्ता की वजह से नहीं होने पर भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है।

    विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट कर सेवानिवृत्ति के बावजूद अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद पर सेवा विस्तार दिए जाने के राज्य सरकार के निर्णय की आलोचना की है।

    बाबूलाल मरांडी ने लिखा है कि रिटायरमेंट के बाद भी अवैध एवं गैर कानूनी रूप से डीजीपी के पद पर अनुराग गुप्ता को बैठाया गया है। यही वजह है कि यूपीएससी ने उन्हें प्रोन्नति समिति की बैठक में शामिल करने से मना कर दिया और बैठक नहीं हो सकी।

    इसका असर यह हुआ कि राज्य के जिन योग्य पुलिस अफसरों को तत्काल आईपीएस बनने का अवसर मिलता, वह अनिश्चितकाल के लिए टल गया। ऐसे प्रोन्नति पाने वाले अधिकारियों के लिए उनके करियर में यह तरक्की एक-एक दिन के लिए महत्वपूर्ण है।

    बाबलूाल ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री निजी स्वार्थ पूर्ति, भ्रष्टाचार एवं गलत कार्यों के लिए एक गलत एवं गैरकानूनी काम करके तुरंत आईपीएस में प्रोन्नत होने वाले योग्य झारखंड के होनहार पुलिस अधिकारियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है।

    उन्होंने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया है कि इस विषय पर गंभीरता से विचार कर कानून के मुताबिक काम करें।

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