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    Jharkhand Politics: झारखंड में चुनावी हार से NDA में बढ़ी तकरार! आजसू ने BJP पर फोड़ा ठीकरा, उठाए कई सवाल

    Updated: Sun, 08 Dec 2024 10:22 PM (IST)

    झारखंड विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के लिए भाजपा और आजसू पार्टी एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। एक ओर जहां आजसू ने भाजपा पर आरोप लगाया है। वहीं दूसरी ओर भाजपा ने भी समीक्षा में विपक्ष पर निशाना साधा है। इसके साथ ही दोनों दलों ने हार के लिए स्थानीय मुद्दों और विपक्ष की लोकलुभावन योजनाओं को भी जिम्मेदार ठहराया है।

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    आजसू ने विधानसभा चुनाव में हार का ठीकरा भाजपा पर फोड़ा।

    राज्य ब्यूरो, रांची। आजसू पार्टी ने विधानसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के लिए भाजपा के साथ समन्वय के अभाव को जिम्मेदार ठहराया है। सोमवार को हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में हुई बैठक में विधानसभा चुनाव में पार्टी के पक्ष में आए प्रत्याशित परिणाम पर संसदीय बोर्ड तथा प्रत्याशियों के बीच चर्चा हुई।

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    इसमें कहा गया कि जिन सीटों पर पार्टी ने प्रत्याशी दिया था, उन सीटों पर समन्वय के अभाव के कारण भाजपा एवं अन्य दलों के साथ गठबंधन का पार्टी को लाभ नहीं मिला।

    नहीं चला भाजपा का एजेंडा

    • यह भी कहा गया कि एनडीए के बड़ा घटक दल भाजपा चुनाव में जो एजेंडा लेकर आई, वह भी इस परिणाम का कारण रहा। पार्टी को उसका खामियाजा भुगतना पड़ा।
    • बैठक में दो प्रत्याशी गोमिया के लंबोदर महतो तथा पाकुड़ के अजहर इस्लाम को छोड़कर सभी प्रत्याशियों ने भाग लिया।
    • बैठक में कुछ प्रत्याशियों ने जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम के कारण वोटों के हुए विभाजन को भी हार के लिए जिम्मेदार ठहराया।

    बारी-बारी किया मूल्यांकन

    • हालांकि, इसमें कहा गया कि क्षेत्रों में आजसू पार्टी का जनाधार है, न के जेएलकेएम जैसी पार्टी का। अलबत्ता पार्टी अपने मुद्दे को जनता तक नहीं पहुंचा पाई। बैठक में सभी 10 सीटों पर पार्टी के प्रदर्शन का बारी-बारी से मूल्यांकन किया गया।
    • बैठक में हार के लिए स्थानीय मुद्दों खासकर खतियान आधारित स्थानीय नीति, कुरमी को एसटी का दर्जा देने तथा ओबीसी आरक्षण बढ़ाने आदि के प्रति चुनाव के दौरान पार्टी द्वारा मुखर नहीं होने को जिम्मेदार ठहराया गया।

    विपक्ष की योजनाओं का जिक्र

    दूसरी तरफ, विपक्षी खेमे ने मंइयां सम्मान योजना, बिजली बिल माफी जैसे लोकलुभावन योजनाएं लेकर आई। बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि पार्टी जनादेश का सम्मान करती हैं तथा आईएनडीआईए द्वारा जनता के साथ किए गए लुभावने वादे को पूरा किए जाने की अपेक्षा सरकार से करती है।

    परिणाम भले हमारे पक्ष में नहीं रहें, लेकिन हम जनता के अधिकार और स्वाभिमान की रक्षा के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।

    कहा कि यह चुनाव आईएनडीआईए ने विकास के आधार पर नहीं, बल्कि जातीय धुर्वीकरण के आधार पर लड़ा है। जातीय धुर्वीकरण ही इस गठबंधन का आधार है।

    पार्टी के वरीय उपाध्यक्ष सह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने कहा कि हम जनता की भावनाओं को अच्छे से समझने में नाकाम रहे। स्थानीय मुद्दों का चुनाव से गायब होना जनता को रास नहीं आया।

    साथ ही सरकार की विफलताओं को जनता के बीच सही से न पहुंचा पाना भी इस चुनाव परिणाम की मुख्य वजहों में से एक रहा। बैठक में पार्टी महासचिव हसन अंसारी, राजेंद्र मेहता, केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत आदि भी सम्मिलित हुए।

    मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे भाजपा विधायक

    इधर, भारतीय जनता पार्टी की विधायक दल की बैठक रविवार शाम प्रदेश कार्यालय में आयोजित की गई। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने बैठक का नेतृत्व किया। इसमें सभी नवनिर्वाचित विधायक शामिल हुए।

    बैठक में भाजपा विधायकों ने तय किया कि सोमवार से प्रारंभ हो रही विधानसभा में वो मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।

    चुनाव में भाजपा को भले अपेक्षित सफलता नहीं मिली है लेकिन जनता से जुड़े मुद्दों को उठाने में भाजपा विधायक सक्रिय रहेंगे।

    बाबूलाल मरांडी ने विधायकों से कही ये बात

    प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने विधायकों से सदन में समन्वय कर काम करने को कहा। भाजपा विधायक राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर सरकार को जानकारी देंगे। इसके साथ ही महिलाओं की सुरक्षा जैसे मामलों को प्रमुखता से उठाया जाएगा।

    भारतीय जनता पार्टी ने अभी विधायक दल के नेता का चयन नहीं किया है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि जल्द ही विधायक दल के नेता के चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। सोमवार से चलने वाले सत्र में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में सदन में अपनी उपस्थिति रखेगी।

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