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    Jharkhand BJP: झारखंड में हार से भाजपा को भारी नुकसान, अगले 5 साल तक नहीं कर पाएगी ये काम

    Updated: Sun, 08 Dec 2024 09:15 PM (IST)

    झारखंड विधानसभा चुनाव में मिली शानदार जीत के बाद सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन का दबदबा राज्यसभा चुनाव में भी दिखेगा। अगले पांच वर्षों में राज्यसभा की चार सीटें रिक्त होंगी लेकिन भाजपा के पास इतने विधायक नहीं हैं कि वह अपने दम पर प्रत्याशी को जिताकर भेज सके। इस लेख में हम झारखंड में राज्यसभा चुनाव के गणित और झामुमो की बढ़ती ताकत पर चर्चा करेंगे।

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    झामुमो-कांग्रेस को परेशानी नहीं, भाजपा झारखंड से नहीं भेज पाएगी राज्यसभा सदस्य

    प्रदीप सिंह, रांची। झारखंड में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद भविष्य में होने वाले राज्यसभा चुनाव में भी सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले गठबंधन का दबदबा होगा।

    झारखंड से राज्यसभा चुनाव में जीत वर्ष 2029 तक भाजपा के बूते के बाहर की बात होगी। अगले पांच वर्ष के दौरान राज्यसभा की चार सीटें रिक्त होंगी।

    भाजपा के पास अभी इतने विधायक नहीं हैं कि वह राज्यसभा में अपने दम पर प्रत्याशी को जिताकर भेज सके।

    एनडीए के घटक दलों आजसू पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और लोजपा (रामविलास) को भी मिलाकर एक प्रत्याशी को जीत दिलाने लायक आंकड़ा पूरा नहीं होता है।

    क्या है झारखंड में राज्यसभा के लिए गणित

    • राज्यसभा में जीत हासिल करने के लिए न्यूनतम 27 विधायकों के प्रथम वरीयता के वोट आवश्यक हैं।
    • अभी जो आंकड़ा भाजपा के पास हैं, उसमें जोड़-तोड़ किए बगैर राज्यसभा के लिए भाजपा प्रत्याशी की कोई संभावना नहीं बनती है।
    • भाजपा के पास 21 विधायक हैं, जबकि आजसू पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और लोजपा (रामविलास) को मिलाकर एनडीए के सभी विधायकों की संख्या 24 होती है।
    • ऐसे में एक सीट पर जीत का जादुई आंकड़ा पार्टी के पास नहीं होगा।

    राज्यसभा में बढ़ेगी झामुमो की ताकत

    राजनीतिक ताकत बढ़ाने के साथ-साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्यसभा में भी अपनी भागीदारी बढ़ाई है। राज्यसभा में फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा के तीन और भाजपा के तीन सदस्य हैं।

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    आगामी पांच वर्षों में राज्यसभा की चार सीटें रिक्त हो जाएगी, जिसमें दो पर फिलहाल भाजपा का कब्जा है। राजनीतिक उलटफेर नहीं हुआ तो भाजपा के हाथों से ये दोनों सीटें छिटक जाएगी।

    ऐसे में इसपर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस आपसी तालमेल से कब्जा जमा सकते हैं। फिलहाल शिबू सोरेन, महुआ माजी और सरफराज अहमद झारखंड मुक्ति मोर्चा से और दीपक प्रकाश, आदित्य साहू एवं प्रदीप वर्मा भाजपा से राज्यसभा में सदस्य हैं।

    21 जून 2026 को शिबू सोरेन और दीपक प्रकाश एवं सात जुलाई 2028 को महुआ माजी एवं आदित्य साहू का कार्यकाल पूरा हो जाएगा।

    झारखंड से राज्यसभा सदस्य, दल एवं अवधि

    • शिबू सोरेन - झामुमो - 21 जून 2026 तक
    • दीपक प्रकाश - भाजपा -21 जून 2026 तक
    • आदित्य साहू - भाजपा - सात जुलाई 2028
    • महुआ माजी - झामुमो - सात जुलाई 2028
    • प्रदीप कुमार वर्मा - भाजपा - तीन मई 2030
    • सरफराज अहमद - झामुमो - तीन मई 2030

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