Liquor Scam: शराब घोटाले में ACB विधु गुप्ता पर और कसेगी शिकंजा, नकली होलोग्राम सप्लाई में हुई थी गिरफ्तारी
रांची में शराब घोटाला मामले में एसीबी ने होलोग्राम आपूर्तिकर्ता विधु गुप्ता और उनके सहयोगियों के खिलाफ सबूत जुटाना शुरू कर दिया है। गुप्ता पर नकली होलोग्राम की आपूर्ति करके अधिकारियों को करोड़ों का कमीशन देने का आरोप है। जांच में छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट से गुप्ता के संबंध और उत्पाद नीति में अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। एसीबी मामले की गहराई से छानबीन कर रही है।

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में शराब घोटाला मामले की जांच कर रही एसीबी ने होलोग्राम आपूर्ति कंपनी मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक विधु गुप्ता व उसके सहयोगियों के बारे में ठोस साक्ष्य संकलित करना शुरू कर दिया है।
विधु गुप्ता दो जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। तीन जुलाई से वह रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद है। एसीबी की छानबीन में यह खुलासा हुआ है कि विधु गुप्ता छत्तीसगढ़ से लेकर झारखंड तक के शराब सिंडिकेट का बड़ा हिस्सा है।
उसने नकली होलोग्राम की आपूर्ति कर अधिकारियों तक करोड़ों का कमीशन पहुंचाया। कमीशन की यह राशि करीब 80 से 90 करोड़ रुपये के आसपास है, जिसके बारे में एसीबी दस्तावेज आधारित साक्ष्य जुटा रही है।
मई 2022 में झारखंड में तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे के कार्यकाल में लागू उत्पाद नीति को छत्तीसगढ़ मॉडल के तर्ज पर लागू किया गया था।
यहां इस मॉडल को लांच करने के लिए उत्पाद विभाग ने छत्तीसगढ़ राज्य म्यूनिसिपल कारपोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) को परामर्शी बनाया था।
इसके प्रबंध निदेशक छत्तीसगढ़ के उत्पाद सचिव अरुण पति त्रिपाठी थे। उनके साथ मिलकर ही झारखंड के तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे ने नई उत्पाद नीति की पूरी साजिश रची थी।
अरुण पति त्रिपाठी ने ही झारखंड में मई 2022 में लागू नई उत्पाद नीति में छत्तीसगढ़ के शराब कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया का प्रवेश कराया था।
सिद्धार्थ सिंघानिया ने ही छत्तीसगढ़ की चार प्लेसमेंट एजेंसियों मेसर्स ए टू जेड इंफ्रा सर्विस लिमिटेड, मेसर्स ईगल हंटर सॉल्यूशंस लिमिटेड को जोड़ा।
इसके अलावा, मेसर्स प्राइम वन वर्क फोर्स प्राइवेट लिमिटेड व मेसर्स सुमित फैसिलिटी का नेतृत्व किया और झारखंड के शराब कारोबार से जोड़ा।
एसीबी ने सिद्धार्थ सिंघानिया को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा है। उसपर शराब कंपनियों में भी निवेश की जानकारी सामने आई है।
रांची के टाटी सिल्वे स्थित श्री लैब ब्रेवरीज प्राइवेट लिमिटेड में भी सिद्धार्थ सिंघानिया के निवेश की सूचना एसीबी को मिली है। यह शराब कंपनी टंच ब्रांड के देसी शराब का निर्माण करती है।
आइएएस व कारोबारी ने विधु गुप्ता को झारखंड में कराया प्रवेश
एसीबी की छानबीन में यह खुलासा हो चुका है कि छत्तीसगढ़ के तत्कालीन उत्पाद सचिव अरुणपति त्रिपाठी व कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया ने तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे के साथ मिलकर विधु गुप्ता को झारखंड में शराब के धंधे में प्रवेश कराया।
शराब की बोतलों पर नकली होलोग्राम का खेल छत्तीसगढ़ में खूब चल रहा था, जिससे वहां के अधिकारी मालामाल थे। यही लालच झारखंड के अधिकारियों को भी दिया गया।
यहां भी विधु गुप्ता ने शराब की बोतलों के लिए नकली होलोग्राम की बड़े पैमाने पर आपूर्ति की और यहां के अधिकारियों को भी करोड़ों रुपये देकर मालामाल किया। इसके अलावा उसने अधिकृत रूप से करीब 52 करोड़ होलोग्राम की आपूर्ति झारखंड में की थी।
करीब 35 पैसे प्रति होलोग्राम की दर से उसने आपूर्ति की थी और इसमें नौ प्रतिशत का कमीशन अलग से दिया था। अब एसीबी नकली होलोग्राम पर शराब की आपूर्ति का डेटा जुटा रही है।
इससे पता चल सकेगा कि विधु गुप्ता ने राज्य में कितनी संख्या में नकली होलोग्राम की आपूर्ति की थी। कमीशन में मोटी रकम मिलने की वजह से ही विधु गुप्ता को झारखंड में होलोग्राम आपूर्ति का काम मिला था।
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