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    Jharkhand: इन फार्मेसी कॉलेजों की रद हो सकती है मान्यता, बायोमेट्रिक को लेकर आया नया अपडेट

    Updated: Sun, 11 May 2025 06:37 PM (IST)

    Biometric Attendance System झारखंड के फार्मेसी कॉलेजों में आधारयुक्त बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य करने का नया आदेश जारी हुआ है। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने सभी कॉलेजों को 30 दिनों के भीतर आधार युक्त बायोमेट्रिक प्रणाली लागू करने का निर्देश दिया है। ऐसा न करने पर कॉलेजों की मान्यता रद हो सकती है। इस नियम से फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी।

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    खबर की प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (जागरण)

    राज्य ब्यूरो, रांची। सभी फार्मेसी कॉलेजों में शिक्षकों, पदाधिकारियों एवं छात्र-छात्राओं की आधार युक्त बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली (एईबीएएस) से उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है।

    फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के आलोक में इसे सख्ती से लागू कराने का निर्णय लिया है।

    पीसीआई ने सभी मान्यता प्राप्त संस्थानों को इस सिस्टम को खरीदने तथा बायोमेट्रिक उपस्थिति लागू करने के लिए 30 दिनों का समय दिया है।

    इसे लागू न करने पर उनकी मान्यता रद करने की कार्रवाई की जाएगी। पीसीआई ने इसे लेकर सभी मान्यता प्राप्त संस्थानों के अलावा राज्य सरकार को भी पत्र भेजा है।

    21 मार्च को जारी की थी अधिसूचना

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 21 मार्च को अधिसूचना जारी कर सभी फार्मेसी कॉलेजों में आधारयुक्त बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य किया है। फार्मेसी कॉलेजों में हो रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए इसे अनिवार्य किया गया है।

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    इस सिस्टम से सभी मान्यता प्राप्त संस्थानों में शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति की निगरानी फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ऑनलाइन कर सकेंगे, क्योंकि इस सिस्टम को काउंसिल की वेबसाइट सेंटल डाट पीसीआइ डाट एसी डाट इन से भी जोड़ा जाएगा।

    पीसीआई ने संस्थानों को इसके लिए नोडल पदाधिकारी बहाल करने तथा उनकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराने की भी बात कही है।

    बताते चलें कि फिलहाल झारखंड में 125 फार्मेसी कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है। इनमें एक ही सरकारी संस्थान राजकीय फार्मेसी संस्थान बरियातू, रांची है। निजी फार्मेसी कॉलेजों में शिक्षकों को कागज पर दिखाकर मान्यता लेने की बात सामने आती रहती है।

    वहीं, छात्रों का नाम लेकर सीधे उन्हें परीक्षा में सम्मिलित कराने की भी बात कही जाती है। पीसीआई की टीम के निरीक्षण में कई ऐसी गड़बड़ियां सामने आती हैं। अब ऐसे फर्जीवाड़े पर रोक लग सकेगी।

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