जागरण संवाददाता, जमशेदपुर। टाटानगर स्टेशन से सटे रेलवे की जमीन पर बना 40 वर्ष पुराना सिंह होटल आखिरकार चार घंटे में ही जमींदोज हो गया। होटल को तोड़ने के लिए दो जेसीबी मशीनें लगाई गई थीं। अतिक्रमण हटाओ अभियान सुबह 11 बजे आरंभ होना था, लेकिन रेलवे की ओर से एक घंटे पहले ही सुबह 10 बजे तोड़फोड़ शुरू कर दी गई। करीब चार घंटे के मशक्कत के बाद पूरे होटल को जमींदोज कर दिया गया। होटल संचालक की ओर से विरोध की संभावना को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। हालांकि बिना किसी विरोध के शांतिपूर्वक अभियान को सफल अंजाम दिया गया।
मौके पर जमा हुई लोगों की भारी भीड़
तोड़फोड़ अभियान में बतौर मजिस्ट्रेट जमशेदपुर प्रखंड के बीपीआरओ वीर किशोर सिंहदेव, एईएन (टाटा) एचपी सतपती, परसुडीह, बागबेड़ा व आरपीएफ के इंस्पेक्टर समेत भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती थी। होटल के जमींदोज होते ही वहां वीराना छाया गया है। होटल को तोड़ने के दौरान भारी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई थी। बता दें कि यहां स्टेशन के मुकाबले लोगों को देर रात तक सस्ते में खाना परोसा जाता था। इसमें दो खाने के होटल व एक मिठाई की दुकान थी।
होटल को पहले भी तोड़ने का हो चुका प्रयास
स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्हें विश्वास ही नहीं था कि यह होटल टूटेगा क्योंकि इससे पहले भी रेलवे की ओर से चार बार होटल को तोड़ने का प्रयास किया जा चुका है। दो बार तो जवानों के साथ जेसीबी मशीन तक लगा दी गई थी, लेकिन अंतिम समय में होटल मालिक ने हाइकोर्ट का स्टे आर्डर दिखाकर अभियान पर लगाम लगा दिया था। होटल मालिक और रेलवे का केस कई वर्षों से हाई कोर्ट में चल रहा था।
20 नवंबर को रेलवे को केस में मिली जीत
बीते 20 नवंबर को रेलवे ने केस में डिक्री हासिल कर ली थी और कागजी कार्रवाई के बाद शुक्रवार को होटल जमींदोज कर दिया गया। इससे पूर्व गुरुवार को रेलवे की ओर से बाकायदा उद्घोषणा कर होटल को खाली करने का आदेश भी दिया गया था। रेल लेंड डेवलपमेंट अथारिटी (आरएलडीए) नई दिल्ली, रेलवे के साथ मिलकर यहां मल्टीप्लेक्स बिल्डिंग का निर्माण करने की तैयारी में है। इसके लिए रेलवे की ओर से जमीन का सर्वे भी कराया जा चुका है।