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कोल्हान विश्वविद्यालय के 60 शिक्षक बनेंगे प्रोफेसर, कर्मचारियों के मासिक वेतन में होगी पांच हजार की बढ़ोत्तरी

झारखंड सरकार के निर्णय के बाद अब कोल्हान विश्वविद्यालय के 60 शिक्षक प्रोफेसर बन जाएंगे। इससे वे विश्वविद्यालय के कुलपति व प्रतिकुलपति के पद पर अपना आवेदन कर सकते हैं। साथ कर्मचारियों का कम से कम मासिक वेतन में पांच हजार की बढ़ोत्तरी होगी।

By Jagran NewsEdited By: Uttamnath PathakPublished: Fri, 02 Dec 2022 06:00 AM (IST)Updated: Fri, 02 Dec 2022 06:00 AM (IST)
कोल्हान विश्वविद्यालय के 60 शिक्षक बनेंगे प्रोफेसर, कर्मचारियों के मासिक वेतन में होगी पांच हजार की बढ़ोत्तरी
इस खबर को प्रदर्शित करने के लिए कोल्हान विश्वविद्यालय की फाइल फोटो।

वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर : झारखंड सरकार ने विश्वविद्यालय शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी कर दी। कैबिनेट ने यूजीसी की 2010 की प्रमोशन नीति को अंगीकृत कर लिया। झारखंड के विश्वविद्यालय के कालेजों में कार्यरत शिक्षकों को इसका फायदा होगा। झारखंड में 31-12-2008 से प्रोन्नति के सारे रास्ते बंद हो गए थे, क्योंकि करियर एडवांस स्कीम (कैस) के तहत मिलने वाली प्रमोशन इस तिथि से बंद कर दिया गया था। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण कोई अधिनियम प्रोन्नति का नहीं बनना था। इसके लिए शिक्षक संघ लगातार आंदोलन करता रहा। नीति व नियम नहीं बनने के कारण झारखंड के शिक्षक प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर नहीं बन पा रहे थे। झारखंड सरकार के कैबिनेट के निर्णय से अब कोल्हान विश्वविद्यालय के 60 एसोसिएट प्रोफेसर की प्रोन्नति प्रोफेसर के पद पर हो जाएगी। प्रोफेसर बनने के बाद अब ये लोग भी विश्वविद्यालय के कुलपति व प्रति कुलपति बनने के योग्य हो जाएंगे। साथ ही विश्वविद्यालय को नैक में भी बहुत फायदा होगा। झारखंड को छोड़ अन्य प्रदेशों में वर्तमान में यूजीसी की प्रमोशन नीति 2018 को अंगीकृत कर लिया गया है। झारखंड में 2010 के आधार पर प्रमोशन होने के बाद ही यूजीसी की 2018 की नीति को भी अंगीकृत किया जा सकता है। शिक्षकों की इस प्रोन्नति नीति के बाद उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तुत विश्वविद्यालय एवं कालेज कर्मचारियों को सांतवे वेतनमान का अनुमोदन झारखंड सरकार ने कर दिया। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को भी पास कर दिया। अब कर्मचारियों के मासिक वेतन में कम से कम पांच हजार रुपए का मासिक फायदा होगा।

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टाइम बांड वाले प्राध्यापक को निर्णय से नहीं होगा फायदा

झारखंड सरकार के इस निर्णय से टाइम बांड प्रमोशन वाले प्राध्यापकों का फायदा नहीं होगा। कोल्हान विश्वविद्यालय में टाइम बांड वाले प्राध्यापक में डा. डीके मित्रा, डा. वीके मिश्रा कार्यरत है। हालांकि विश्वविद्यालय उन्हें रीडर तक प्रमोशन देने की दिशा में कार्य रहा है।

कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, एरियर के रूप में कम से कम मिलेंगे चार लाख रुपये

झारखंड सरकार द्वारा कैबिनेट से विश्वविद्यालय व कालेज कर्मचारियों को सातवें वेतन का लाभ देने की मंजूरी सरकार द्वारा प्रदान कर दी गई है। को सातवा वेतन का लाभ देने का मंजूरी सरकार के द्वारा दे दिया गया है। इससे कर्मचारियों में हर्ष का माहौल व्याप्त हो गया है। सातवें वेतनमान की स्वीकृति से पुरे राज्य के करीब 7500 कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इसके तहत प्रत्येक कर्मचारियों को 4 से 5 हजार की राशि वेतन में बढोतरी होने की संभावना है। इसके साथ ही वर्ष 2016 से कर्मचारियों को एरियर भी मिलेगा। यह एरियर भी चार लाख से उपर होगा। इसमें वैसे कर्मचारी भी है जो कि सेवानिवृत हो गए है उनको भी पेंशन में राशि की बढोतरी होने के साथ ही एरियर मिलेगा। कर्मचारीयों की यह काफी पुरानी मांग थी। इसको लेकर झारखंड विश्वविद्यालय/महाविद्यालय कर्मचारी महासंघ के द्वारा लगातार आंदोलन करने के साथ ही न्यायालय में भी मामला दर्ज था। शिक्षकों को सांतवा वेतन का लाभ वर्ष 2018 में ही मिल चुका था जिसके बाद भी कर्मचारियों को इसका लाभ नही मिला था। कैबिनेट से स्वीकृति मिलने के बाद महासंघ के द्वारा हर्ष व्यक्त किया गया। इस आदेश को लेकर प्रदेश अध्यक्ष धीरेंद्र राय, महामंत्री विश्वंभर यादव, कोल्हान के प्रक्षेत्रीय अध्यक्ष आरसी ठाकुर, प्रक्षेत्रीय सचिव चंदन कुमार के द्वारा मुख्यमंत्री हैमंत सोरेन एवं उच्च शिक्षा निदेशक के प्रति आभार व्यक्त किया।

झारखंड सरकार का जताया आभार

कोल्हान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. राजेंद्र भारती ने कहा कि कैस के तहत झारखंड सरकार ने प्राध्यापकों की बहुप्रतीक्षित मांग पूरी कर दी है। इसके लिए झारखंड सरकार को कोल्हान विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की ओर से विशेष रूप से धन्यवाद। इसके लिए शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिला था।

चलिए कम से कम कुछ तो हुआ

एलबीएसएम कालेज जमशेदपुर के प्रिंसिपल डा. अशोक कुमार झा ने झारखंड सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि चलिए कम से कम कुछ तो हुआ। यूजीसी रेगुलेशन 2010 को अंगीकृत किए जाने से कोल्हान विश्वविद्यालय के 60 से अधिक प्राध्यापक अब प्रोफेसर बन जाएंगे। इससे विश्वविद्यालय व कालेज दोनों को नैक ग्रेडिंग में फायदा होगा। एसोसिएट वाले प्रोफेसर तथा एसिस्टेंट प्रोफेसर वाले एसोसिएट प्रोफेसर बनेंगे।


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