Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अंधविश्‍वास की बलि चढ़ रहे हैं सियार, सड़क पर देखते ही कुचल दे रहे हैं लोग, कम होती जा रही इनकी संख्‍या

    By Jagran NewsEdited By: Arijita Sen
    Updated: Thu, 15 Dec 2022 09:06 AM (IST)

    रास्‍ते से गुजरते वक्‍त अगर सियार दिख जाए तो लोग या तो कुछ देर के लिए रूक जाते हैं या इन्‍हें कुचल कर आगे बढ़ जाते हैं। लोगों का ऐसा मानना है कि इनके अचानक सामने आ जाने से आगे कोई अनहोनी हो सकती है।

    Hero Image
    इंसानों के अंधविश्‍वास की बलि चढ़ रहे हैं सियार

    अश्विनी कुमार, छतरपुर (पलामू)। मेदिनीनगर से छतरपुर की ओर जा रहे हैं तो एनएच 98 मेदिनीनगर-औरंगाबाद मार्ग पर वाहन से सियार कुचला हुआ जरूर दिखाई देगा। अंधविश्वास की बलि चढ़ते इन जंगली पशुओं की संख्‍या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है। छतरपुर प्रखंड क्षेत्र में शाम होते ही लगातार सियार की हुआं-हुआं की आवाज लगभग खत्म हो गई है। इस संबंध में पशु प्रेमी बुजुर्ग मोहन कहते हैं कि लगभग 20 वर्ष पहले तक सियार उनके घर के बारी के पीछे तक आ जाता था। अब तो कभी-कभी दूर से सियार की आवाज सुनाई देती है। सियार भी प्राय: कहीं नहीं दिखते हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Holi 2022: आदिम जनजाति बिरहोर में अनूठी परंपरा, होली पर जंगलों में करते शिकार

    सियार की संख्‍या लगातार हो रही है कम

    उन्होंने बताया कि उनकी मां सियार की आवाज सुनते ही हम बच्चों को डरा कर सुला देती थी। उन्होंने कहा कि सियार के साथ दुर्भाग्य है कि रास्ते से गुजरते वक्त किसी व्यक्ति को दिखाई दे, तो लोग सोचते हैं कि कुछ अनहोनी होने वाला है इसलिए रुक जाते हैं या फिर उसे कुचल कर मार देते हैं। दिन-प्रतिदिन घटते जंगल व लगातार वन क्षेत्रों में इंसानों के दखल के कारण जंगली पशुओं की प्रजनन क्षमता कम हो गई है। साथ ही आहार की कमी से उनकी मौत भी हो रही है।

    आगे  सिर्फ किताबों में मिलेगा इनका जिक्र

    इस संबंध में वाहन चालक प्रदीप कुमार चंद्रवंशी ने बताया कि पहले शाम होते ही डालटनगंज से छतरपुर आने में कभी-कभी रास्ते में कहीं ना कहीं सियार देख जाता है। कई लोगों ने बताया कि आने वाली पीढ़ी शायद सियारों की कहानियां सिर्फ किताबों में ही पढ़ सकेंगे। मोहन ने कहा कि भविष्य में इनके संरक्षण की जरूरत पड़ेगी। लोगों से अपील की कि इसे भी जीने दें। अंधविश्वास के चक्कर में सड़क पर देखने के बाद इसे नहीं मारे।

    Agra News: सावधान, आगरा के पास इस कस्बे में छाया है पागल सियार का आतंक, एक के बाद एक हमले में चार को किया घायल

    comedy show banner