झारखंड में गणतंत्र दिवस की झांकी में पलामू किला को मिला पहला स्थान, जानिए देश के इस प्राचीन किले की खासियत
गणतंत्र दिवस के अवसर पर रांची के मोरहाबादी में प्रदर्शित राज्यस्तरीय झांकी में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की झांकी को पहला स्थान मिला। इस झांकी में ऐतिहासिक विरासत पलामू किला को प्रदर्शित किया गया था जो देश के सबसे पुराने किलों में से एक है।

संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू)। गणतंत्र दिवस के अवसर पर रांची के मोरहाबादी में प्रदर्शित राज्यस्तरीय झांकी में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की झांकी को पहला स्थान मिला। इस झांकी में ऐतिहासिक विरासत पलामू किला को प्रदर्शित किया गया था। झांकी के अगले भाग में नए किले के एक भाग को प्रदर्शित किया गया था, वहीं मुख्य रूप से पहाड़ी पर अवस्थित अभेद्य दुर्ग पुराने पलामू किले के वास्तुशिल्प को दर्शाया गया था। यह जानकारी उप निदेशक जनसंपर्क आनंद ने दी है।
चेरो राजवंश के राजाओं ने कराया था किले का निर्माण
बताया कि किले का निर्माण चेरो राजवंश के राजा मेदिनीराय ने कराया था। समारोह के बाद राजभवन के अशोक वाटिका में एट होम व सामूहिक बैंड डिस्प्ले कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस ने गणतंत्र दिवस में प्रदर्शित झांकी के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की टीमों को पुरस्कृत किया।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की टीम ने मारी बाजी
इधर, पलामू किला को राज्यस्तरीय समारोह में झांकी के रूप में प्रदर्शन एवं प्रथम पुरस्कार से नवाजे जाने को लेकर प्रमंडलीय आयुक्त जटा शंकर चौधरी ने सराहना की है। उन्होंने सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की टीम को बधाई देते हुए कहां है कि झांकी के रूप में पलामू किला का प्रदर्शन पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। विदित हो कि पिछले दिनों आयुक्त जटा शंकर चौधरी ने पलामू प्रमंडल के पलामू किला, बेतला नेशनल पार्क सहित अन्य पर्यटन स्थलों का संवर्धन करने का आह्वान किया था।
देश के प्राचीन किलों में से एक पलामू का किला
किले का निर्माण पलामू के मुख्यालय मेदिनीनगर (डाल्टनगंज) के दक्षिण दिशा में कोयल नदी के तट पर किया गया है। यह भारत के सबसे प्राचीन किलों में से एक है। चेरो राजवंश के राजाओं की देन इस किले को मुख्य रूप से दुश्मनों से रक्षा के लिए बनाया गया था। यहां आसपास दो किले हैं। मूल किला मैदानी इलाके में है और दूसरा पहाड़ी से सटा हुआ, जो चेरो वंश के राजाओं का किला है। पर्यटक दूर-दूर से इस किले की सैर पर आते हैं।
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