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    उच्च शिक्षा में पिछड़ रहा झारखंड, अब मंथन जरूरी... दीक्षांत समारोह में बोले राज्यपाल संतोष गंगवार

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 10:43 PM (IST)

    राज्यपाल संतोष गंगवार ने नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में झारखंड की उच्च शिक्षा की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य के छात्र बाहर पढ़ाई करने को प्राथमिकता देते हैं जबकि बाहरी छात्र यहां दाखिला लेने से कतराते हैं। उन्होंने विश्वविद्यालयों को नियमित कक्षाएं और समय पर डिग्री प्रदान करने के निर्देश दिए।

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    नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय का तृतीय दीक्षांत समारोह में पहुंचे राज्यपाल। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। झारखंड प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में भले ही प्रगति कर रहा हो, लेकिन उच्च शिक्षा की स्थिति अब भी चिंता का विषय बनी हुई है।

    राज्यपाल सह कुलाधिपति संतोष गंगवार ने सोमवार को नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में इस मुद्दे पर स्पष्ट चिंता जताई।

    उन्होंने कहा कि झारखंड के छात्र अब भी राज्य से बाहर पढ़ाई करने को प्राथमिकता देते हैं, जबकि बाहर के छात्र यहां के विश्वविद्यालयों/उच्च शैक्षणिक संस्थानों में दाखिला लेने से कतराते हैं। इस पर मंथन कर स्थिति को बदलना अत्यंत आवश्यक है।

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    राज्यपाल ने कहा कि नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय की स्थापना को 16 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन अब तक मात्र तीन बार ही दीक्षांत समारोह आयोजित किए गए हैं। इससे स्पष्ट है कि छात्रों को समय पर डिग्रियां नहीं मिलीं, जो विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।

    उन्होंने कहा कि झारखंड के लगभग सभी विश्वविद्यालयों में एक समान स्थिति देखने को मिलती है, जहां छात्रों की तुलना में छात्राओं की संख्या और उनका प्रदर्शन कहीं बेहतर होता है।

    दीक्षांत समारोहों में गोल्ड मेडल पाने वालों में छात्राओं की हिस्सेदारी सबसे अधिक होती है, जो महिला सशक्तिकरण और विकसित भारत की सशक्त झलक प्रस्तुत करती है।

    राज्यपाल ने कहा कि अब समय आ गया है कि जब झारखंड को अपनी उच्च शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। इसके लिए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को नियमित कक्षाओं और डिग्रियां प्रदान करने के संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि छात्रों को समय पर पर डिग्री मिल सके।

    उन्होंने विश्वविद्यालयों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अकादमिक कैलेंडर का पालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि छात्रों को निर्धारित समय पर परीक्षा और डिग्री प्राप्त हो सके।

    कार्यक्रम में राज्यपाल ने मेघावी छात्र-छात्राओं को गोल्डमेडल व प्रमाणपत्र प्रदान किया। मौके पर वित मंत्री राधाकृष्ण किशोर, पलामू सांसद बीडी राम, चतरा सांसद कालीचरण सिंह, पूर्व स्पीकर इंदर सिंह नामधारी मौजूद थे।

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