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    Jamtara News: सूर्या हांसदा एनकाउंटर और कुड़मी समाज की मांग के खिलाफ सड़क पर उतरे आदिवासी संगठन

    Updated: Mon, 06 Oct 2025 10:27 PM (IST)

    जामताड़ा में आदिवासी संगठनों ने सूर्या हांसदा मुठभेड़ की सीबीआई जांच की मांग करते हुए उग्र प्रदर्शन किया। कुड़मी समाज को आदिवासी का दर्जा देने के विरोध में सरकार को चेतावनी दी गई। प्रदर्शनकारियों ने कुड़मी समुदाय की मांग के खिलाफ एकजुटता दिखाई और अवैध खनन पर राज्य सरकार पर आरोप लगाए।

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    जामताड़ा में सोमवार को आदिवासी संगठनों ने किया उग्र प्रदर्शन, गांधी मैदान से डीसी कार्यालय तक निकाला जुलूस। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, जामताड़ा। सोमवार को देसमांझी परगना बाईसी व सांवता सुसार आखड़ा समेत संताल परगना के अलग-अलग जिलों से पहुंचे आदिवासी संगठनों ने जामताड़ा में उग्र प्रदर्शन किया।

    आदिवासी संगठनों ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर में सरकार की भूमिका पर कई गंभीर सवाल खड़े किए और पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की।

    साथ कुड़मी समाज की ओर से आदिवासी का दर्जा दिए जाने के विरोध में सरकार को सख्त चेतावनी देकर प्रदेशभर में आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी दी।

    प्रदर्शनकारियों का कहना है कि बीते दिनों कुड़मी समुदाय द्वारा रेल रोको आंदोलन चलाया गया था, जिसमें वे खुद को आदिवासी का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। इस विरोधाभासी मांग के खिलाफ आदिवासी समाज संगठित होकर सड़कों पर उतरा है।

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    रैली के माध्यम से उन्होंने न केवल कुड़मी समुदाय के विरोध में अपनी एकजुटता दिखाई, बल्कि समाजसेवी सूर्या हांसदा के कथित फर्जी एनकाउंटर के मामले में सीबीआई जांच की भी पुरजोर मांग की।

    इस जन आंदोलन का नेतृत्व सांवता सुसार आखड़ा समिति के संयोजक मंगल सोरेन, सिदो-कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी के छात्र संघ अध्यक्ष डा. श्यामदेव हेम्ब्रम, देसमांझी परगना बाईसी के अध्यक्ष जगदीश मुर्मू और मुख्य सलाहकार सुनील हेम्ब्रम समेत कई सामाजिक प्रतिनिधियों ने किया।

    प्रदर्शन के दौरान नेताओं ने झारखंड में अवैध बालू और कोयला खनन को लेकर भी राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। मंगल सोरेन ने कहा कि आदिवासी समाज की भाषा, परंपरा, पूजा-पद्धति और वेशभूषा विशिष्ट है।

    कुड़मी समाज को आदिवासी दर्जा देने का कोई ऐतिहासिक या सांस्कृतिक आधार नहीं है और हम इसका पूर्ण विरोध करते हैं।

    वहीं, डॉ. श्यामदेव हेम्ब्रम ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमारी दो प्रमुख मांगें हैं, सूर्य हांसदा एनकाउंटर की निष्पक्ष सीबीआई जांच कराई जाए और कुड़मी समाज की आदिवासी दर्जा मांग को अविलंब खारिज किया जाए।

    यदि सरकार ने हमारी मांगों की अनदेखी की, तो हम झारखंड की सभी राजनीतिक पार्टियों का बहिष्कार करेंगे और बालू-कोयला के कारोबार पर रोक लगाएंगे।

    प्रदर्शन की शुरुआत गांधी मैदान स्थित सिदो-कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पूजा-अर्चना के साथ हुई। इसके पश्चात रैली टावर चौक, स्टेशन रोड, दुमका रोड होते हुए समाहरणालय स्थित मैदान पहुंची, जहां एक जनसभा का आयोजन किया गया। अंत में जामताड़ा डीसी के माध्यम से राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौंपा गया।