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    Jharkhand Police: हाईटेक बनेगा पुलिस विभाग, अब इन पुलिसकर्मियों को मिलेंगे स्मार्ट फोन

    झारखंड पुलिस हाईटेक होने जा रही है। अब सभी अनुसंधानकर्ता इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से साक्ष्य का संकलन करेंगे। इसमें वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी शामिल है। स्मार्ट फोन उपयोग करने वाले अनुसंधानकर्ताओं को सरकार की ओर से डेटा के लिए 500 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। पाकुड़ एसपी ने बताया कि 25 हजार रुपये तक का मोबाइल फोन खरीदना आवश्यक है। सरकार की ओर से उक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

    By Rohit Kumar Edited By: Piyush Pandey Updated: Mon, 31 Mar 2025 04:13 PM (IST)
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    झारखंड पुलिस अब होगी हाईटेक। (जागरण फोटो)

    गणेश पांडेय, पाकुड़। झारखंड पुलिस हाईटेक होने जा रही है। झारखंड सरकार के गृह विभाग ने आदेश जारी किया है। जिला स्तर पर पहल शुरु हो चुकी है। केस के सभी अनुसंधानकर्ताओं को स्मार्ट फोन देने की योजना है। स्मार्ट फोन नई तकनीक से लैस होगी।

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    एक जुलाई 2024 से प्रभावी बीएनएसएस 2023 के प्रविधान के अनुसार सभी अनुसंधानकर्ता इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से साक्ष्य का संकलन करेंगे। इसमें वीडियाेग्राफी और फोटोग्राफी शामिल है।

    स्मार्ट फोन उपयोग करने वाले अनुसंधानकर्ताओं को सरकार की ओर से डेटा के लिए 500 रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। राज्य सरकार से आवंटन प्राप्त होने पर सभी जिला को पुलिस मुख्यालय द्वारा निर्धारित राशि आवंटन किया जाएगा।

    अनुसंधानकर्ताओं को 25 हजार रुपये तक का स्मार्ट फाेन लेना आवश्यक है। अनुसंधानकर्ता मोबाइल फोन क्रय करने से संबंधित विपत्र या रसीद की छायाप्रति रखेंगे, ताकि चार वर्ष के बाद नया या दूसरा माेबाइल लेने के पश्चात राशि की क्षतिपूर्ति के समय उसे संलग्न किया जा सके।

    मोबाइल फोन गुम और चोरी होने की स्थिति में विधिवत कार्रवाई की जाएगी।

    मोबाइल खरीदारी के लिए 25 हजार ही मान्य

    अनुसंधानकर्ता यदि निर्धारित राशि 25 हजार से अधिक मूल्य का मोबाइल फोन खरीदते हैं तो भी उन्हें 25 हजार की ही प्रतिपूर्ति मान्य होगी। शेष राशि का भुगतान उन्हें स्वयं करना होगा।

    अगर 25 हजार से कम कीमत का मोबाइल खरीदते हैं तो उनके द्वारा भुगतान की गई वास्तविक राशि की प्रतिपूर्ति ही मान्य होगी। मोबाइल फोन का रख-रखाव, सुरक्षा एवं डाटा की गोपनीयता अनुसंधानकर्ता की व्यक्तिगत जिम्मेदारी होगी।

    साथ ही यह ध्यान रखेंगे कि अविश्वसनीय इंटरनेट साइट्स को उक्त मोबाइल फोन से कदापि एक्सेस नहीं करेंगे। मोबाइल फोन की तकनीकी आयु चार वर्ष होगी। चार वर्ष के बाद अनुसंधानकर्ता उक्त मोबाइल फोन को जिला संपत्ति शाखा में जमा कर प्रमाण पत्र लेंगे।

    अनुसंधानकर्ताओं को मोबाइल लेना अनिवार्य

    राज्य सरकार ने निर्देश जारी किया है कि केस के सभी अनुसंधानकर्ताओं को मोबाइल लेना अनिवार्य है। इससे एक ओर जहां डिजिटल इंडिया को बढ़ावा मिलेगा, वहीं दूसरी ओर पुलिस का काम आसान हो जाएगा। कागजी प्रक्रिया से काफी हद तक मुक्ति मिलेगी।

    राज्य सरकार की अच्छी पहल है। 25 हजार रुपये तक का मोबाइल फोन खरीदना आवश्यक है। सरकार की ओर से उक्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी। इस पर काम चल रहा है। -प्रभात कुमार, पुलिस अधीक्षक पाकुड़

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