Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हेमंत सोरेन को उनके ही विधायक ने दिखाया आईना! इन मुद्दों को लेकर जमकर निकाली भड़ास

    By Ganesh Pandey Edited By: Shashank Shekhar
    Updated: Wed, 10 Jan 2024 02:11 PM (IST)

    मंगलवार को केकेएम कॉलेज ग्राउंड में आयोजित सोहराय पर्व के पहले दिन बोरियो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने हेमंत सरकार को जमकर खरी-खोटी सुनाई। इस दौरान उन्होंने कहा कि झारखंड बनें 24 साल हो गए लेकिन दुर्भाग्य यह है कि इस राज्य में जल जंगल व जमीन सुरक्षित नहीं है। जेएमएम विधायक ने कहा कि 32 सालों तक आंदोलन के बाद झारखंड राज्य मिला।

    Hero Image
    हेमंत सोरेन को उनके ही विधायक ने दिखाया आईना! इन मुद्दों को लेकर जमकर निकाली भड़ास

    जागरण संवाददाता, पाकुड़। 32 सालों तक आंदोलन के बाद झारखंड राज्य मिला। झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के नेतृत्व में लड़ाई लड़ी गई थी। झारखंड बनें 24 वर्ष हो गए, लेकिन दुर्भाग्य है कि इस राज्य में जल, जंगल व जमीन सुरक्षित नहीं है। 24 साल के दौरान रघुवर दास को छोड़कर सभी मुख्यमंत्री आदिवासी ही बनें, लेकिन वर्तमान में कहीं पर भी संथाली भाषा में पढ़ाई नहीं हो रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आने वाले समय में आदिवासी म्यूजियम में देखने को मिलेंगे। यह बातें मंगलवार को केकेएम कालेज मैदान में आयाेजित सोहराय पर्व के प्रथम दिन बोरियो विधायक सह एससी-एसटी चेयरमेन लोबिन हेम्ब्रम ने कही।

    विधायक लोबिन हेम्ब्रम, केकेएम कॉलेज के प्राचार्य शिवप्रसाद लोहरा, पूर्व जिप अध्यक्ष बाबूधन मुर्मू सहित अन्य अतिथियों ने फीता काट व दीप प्रज्ज्वलित कर सोहराय पर्व का उद्घाटन किया। नायकी ने विधिवत पूजा-अर्चना कराया।

    JMM विधायक हेमंत सरकार पर जमकर बरसे 

    विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने आदिवासी सभ्यता-संस्कृति को बचाने की अपील करते हुए छात्र-छात्राओं से आग्रह किया कि शिक्षा के क्षेत्र में अधिक ध्यान दें। उन्होंने झारखंड सरकार पर बरसते हुए कहा कि राज्य के जल, जंगल व जमीन बच नहीं पा रहा है। सरकार अपने रास्ते से भटक गई है। एसपीटी एक्ट भीख मांगने से नहीं मिली है, बल्कि सिदो-कान्हु, फुलो-झानो जैसे वीरों की शहादत से मिली है।

    सरकार इस कानून को सख्ती से लागू करने में विफल है। आदिवासियों की जमीन पर रेल, हवाई अड्डा आदि बन रहे हैं। जल, जंगल व जमीन बचाने की जिम्मेवारी सरकार को है। जमीन नहीं रहेगी तो आदिवासी भी नहीं बचेगा। आदिवासियों का हक छीना जा रहा है।

    आदिवासियों की जमीन व नौकरी लूटी जा रही है। इस सरकार में एक भी वैकेंसी (रिक्ति) नहीं निकला है। सभी विभागों में साढ़े तीन लाख रिक्तियां हैं। यह सरकार अनुबंध पर युवक-युवतियों की बहाली कर रही है।

    उन्होंने कहा कि सही आवाज उठाने पर लोबिन को बागी करार दे दिया जाता है। झारखंड राज्य में अभी तक खतियान, स्थानीय नीति, नियोजन नीति, पेशा कानून लागू नहीं हुआ है।

    इन लोगों ने भी रखी अपनी बातें 

    प्राचार्य शिवप्रसाद लोहरा, पूर्व जिप अध्यक्ष बाबूधन मुर्मू, भाजपा नेत्री मिस्फीका हसन, डा. युगल झा, महिला कॉलेज के प्राचार्य सुशीला हांसदा, प्रो. निर्मल मुर्मू, शिव टुडू, सिदोर हांसदा ने भी अपनी बातें रखी। इस दौरान सोहराय कमेटी के अध्यक्ष राजेन मुर्मू, सचिव कान्हू मुर्मू, कमल, महेंद्र बेसरा सहित अन्य उपस्थित थे।

    ये भी पढ़ें: '20 हजार दो तब होगा...', साहिबगंज का ये ऑफिस बना भ्रष्टाचार का अड्डा! बिना रिश्वत नहीं चलती अफसरों की कदम

    ये भी पढ़ें: अब घर से स्‍कूल सीटी बजाते हुए जाएंगे बच्‍चे, प्रिंसिपल और टीचर का मिलेगा भरपूर सहयोग; जानें इस अनूठी पहल के पीछे का सच