स्ट्रॉबेरी की खेती से जीवन में आई खुशहाली और मिठास, 2 साल में लाखों कमाने लगे किसान भाई
लोहरदगा जिला के सेन्हा निवासी धर्मवीर महतो और उनके भाई शिव महतो स्ट्रॉबेरी की खेती से लाखो रुपये की कमाई कर रहे हैं। यही नहीं वे इससे आधा दर्जन मजदूरों को रोजगार भी दे रहे हैं। दो वर्ष पहले महज 20 डिसमिल जमीन में उन्होंने खेती शुरू की थी आज वे लगभग 2 एकड़ की जमीन में स्ट्रॉबेरी की खेती करके कमाई कर रहे हैं।

गफ्फार अंसारी, सेन्हा (लोहरदगा)। स्ट्रॉबेरी की खेती से जीवन में खुशहाली और मिठास आ रही है। कुछ घंटों की मेहनत और कुछ पूंजी के सहारे बेहतर आमदनी की जा रही है। लोहरदगा जिला के सेन्हा निवासी धर्मवीर महतो और उनके भाई शिव महतो बांध टोली सेन्हा के बंजर खेत में स्ट्रॉबेरी की खेत कर लाखों रुपये कमा रहे हैं। यही नहीं आधा दर्जन मजदूरों को रोजगार भी दे रहे हैं।
धर्मवीर महतो बताते हैं कि दो वर्ष पहले महज 20 डिसमिल जमीन में खेती शुरू की थी। वर्तमान समय में दो एकड़ में खेती कर रहे हैं।
महज 50 हजार रुपये की पूंजी लगी है। अब तक दो लाख रुपये की स्ट्रॉबेरी की बिक्री कर चुके हैं। अभी और भी बिक्री होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इसमें बहुत अधिक पटवन की आवश्यकता भी नहीं होती है।
यदि बेहतर रूप से इसकी खेती की जाए तो इसकी कमाई पारंपरिक खेती से काफी अलग है। पारंपरिक खेती आम तौर पर मौसम पर आधारित खेती होती है, जबकि स्ट्रॉबेरी की खेती ड्रिप एरिगेशन के माध्यम से की जाती है।
जिससे कम पानी में इसकी खेती होती है। लोग अब स्ट्रॉबेरी की खेती की ओर झुकने लगे हैं। सरकारी स्तर से भी इसकी खेती के लिए मदद मिलने से किसान इसमें रुचि दिखा रहे हैं।

कई महीनों तक मिलता है मुनाफा
यह फसल कई महीने तक मुनाफा देती है। स्ट्रॉबेरी की खेती नंबर से मार्च तक होती है। स्ट्रॉबेरी प्रति किलो 350 रुपये से लेकर चार सौ रुपये प्रति किलो तक बिकता है। इसकी मांग इतनी बेहतर है कि व्यापारी खेतों तक पहुंचकर स्ट्रॉबेरी खरीदकर ले जाते हैं।
रांची, गुमला के व्यापारी किसानों से संपर्क करते हैं और फसल खरीद कर ले जाते हैं। जिला प्रशासन के अधिकारी भी खेत में पहुंचकर खेती के तरीके की जानकारी लेकर दूसरे किसानों को इससे जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
क्या कहते हैं किसान
मैंने बीए पास करने (उत्तीर्ण) के बाद इस खेती को चुना। अपने भाई शिवा के साथ मिलकर स्ट्रॉबेरी और अन्य प्रकार की फसलों की खेती 15 एकड़ में क्षेत्र में करते हैं। अभी फूलगोभी, बीन्स, टमाटर, पपीता की खेती की है। हम पूरे साल में दर्जन भर मजदूरों को काम देते हैं। इस क्षेत्र में खेत बंजर बनते जा रहे थे। जबसे हम लोगों ने खेती करनी शुरू की तो उसके बाद से दूसरे किसान भी प्रेरित होकर अपनी क्षमता के अनुसार खेती करते हैं और आर्थिक प्रगति की ओर लगातार बढ़ रहे हैं।
धर्मवीर महतो, स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसान
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