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    Waqf Bill : 'अल्लाह की संपत्ति बेच नहीं सकते', वक्फ संशोधन बिल पर पसमांदा मुस्लिम संघ, रकीब ने बता दी सरकार की मंशा

    Updated: Mon, 02 Dec 2024 01:44 PM (IST)

    वक्फ संशोधन विधेयक पेश होने के बाद से इसे लेकर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। अब इस पूरे मामले में पसमांदा मुस्लिम संघ के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना अब्दुर रकीब अंसारी की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि संशोधन के उद्देश्य में निश्चित तौर पर वक्फ संपत्तियों के रखरखाव में पारदर्शिता सुधार हिसाब-किताब की जांच प्रबंधन से संबंधित बातों को सम्मिलित किया गया है।

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    अब्दुर रकीब ने बताई वक्फ संसोधन के पीछे सरकार की मंशा

    जागरण संवाददाता, जामताड़ा। अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम संघ के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना अब्दुर रकीब अंसारी ने कहा है कि अल्लाह के लिए कोई संपत्ति दान करने को वक्फ कहते हैं। वक्फ संपत्ति के मालिक अल्लाह होते हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि वक्फ कानून स्वाधीनता पूर्व से है, जिस पर कई बार संशोधन हो चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कुछ लोगों पर राजनीति से प्रेरित होकर मुस्लिम समुदाय को भ्रमित करने का आरोप भी लगाया।

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    वक्फ संपत्ति का मालिक अल्लाह

    अब्दुर रकीब ने वक्फ की शुरुआत के बारे में बताते हुए कहा कि हमारे खलीफा हजरत उमर के पास एक संपत्ति आई थी और उन्होंने पैगंबर मोहम्मद से पूछा कि वह इसका बेहतरीन इस्तेमाल कैसे करें। तब पैगंबर मोहम्मद ने कहा था कि वक्फ कर दो, जिसका फायदा जरूरतमंदों को हो। तब से वक्फ आरंभ है।

    वक्फ संपत्ति के मालिक अल्लाह होते हैं। जिसे न फिर रद्द किया जा सकता, न स्थानांतरित और न बेचा जा सकता है। मतलब एक बार घोषित कर दिया तो वह संपत्ति हमेशा के लिए वक्फ हो गई।

    लोगों के कल्याण के लिए

    वक्फ संपत्ति का पूरी तरह से इस्तेमाल लोगों के कल्याण के लिए होता है। धार्मिक कार्य-मस्जिद, खानकाह, मदरसा जैसे कार्यों के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। भारत में वक्फ कानून स्वाधीनता पूर्व से है।

    वर्ष 1913 में वक्फ कानून आया। स्वाधीनता के बाद 1954 में भी वक्फ कानून बना था। वर्ष 1984 में उसमें सुधार हुआ, फिर 1995, 1997 और 2013 में। इस तरह जरूरत और आवश्यकता के अनुसार कानून में संशोधन होते रहे हैं।

    राजनीति के नाम पर भ्रमित करने का आरोप

    कुछ लोग राजनीति से प्रेरित होकर मुस्लिम समुदाय को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्यूआर कोड स्कैन के माध्यम से व्यापक स्तर पर विरोध करने को लेकर लोगों का आह्वान किया जा रहा है।

    उन्होंने कहा कि वह एक पसमांदा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष होने और मुस्लिम समाज के विभिन्न संस्थाओं से जुड़े होने के नाते इस बात को समझते हैं कि सरकार की ओर से संसोधन क्यों किया जा रहा है। वक्फ कानून में संशोधन के उद्देश्य में निश्चित तौर पर वक्फ संपत्तियों के रखरखाव में पारदर्शिता, सुधार, हिसाब-किताब की जांच, प्रबंधन से संबंधित सारी बातों को सम्मिलित किया गया है।

    अगस्त में पेश हुआ विधेयक

    8 अगस्त 2024 को लोकसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने 'वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024' पेश किया। विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तिकरण, दक्षता और विकास अधिनियम करने का भी प्रस्ताव है।

    लोकसभा में इसके पेश होने के बाद विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। 9 अगस्त को इसे संसद की संयुक्त संसदीय समिति में आगे की चर्चा के लिए भेज दिया गया। वहीं हाल ही में वक्फ संशोधन विधेयक के लिए गठित समिति का कार्यकाल बजट सत्र तक के लिए बढ़ा दिया गया है।

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